Saturday, 3 December 2022

KAIFI AAZMI.. GHAZAL...SUNA KARO MIRI JAAN IN SE UN SE AFSAANE.....

सुना करो मिरी जाँ इन से उन से अफ़्साने 
सब अजनबी हैं यहाँ कौन किस को पहचाने 

My love! You listen from many, the tales. 
Unaware of others, don' know details. 

यहाँ से जल्द गुज़र जाओ क़ाफ़िले वालो 
हैं मेरी प्यास के फूँके हुए ये वीराने 

O caravan people pass soon from here. 
Of my thirst, deserts are burnt  details. 

मिरे जुनून-ए-परस्तिश से तंग आ गए लोग 
सुना है बंद किए जा रहे हैं बुत-ख़ाने 

Temples are being shut down  here. 
People are tired of my frenzied hails. 

जहाँ से पिछले पहर कोई तिश्ना-काम उठा 
वहीं पे तोड़े हैं यारों ने आज पैमाने 

Friends have broken wine cups today. 
Site last night, left thirsty some males. 

बहार आए तो मेरा सलाम कह देना 
मुझे तो आज तलब कर लिया है सहरा ने 

Convey my salute to appearing spring. 
I am being called by the sand gales. 

हुआ है हुक्म कि 'कैफ़ी' को संगसार करो 
मसीह बैठे हैं छुप के कहाँ ख़ुदा जाने

It's an order to pelt 'Kaifi' with stones.
God knows where Christ  hides  details. 

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