Sunday, 18 December 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +2 COUPLETS

ये सर्द रात ये आवारगी ये नींद का बोझ
हम अपने शहर में होते तो घर गए होते
..... उम्मीद फ़ाज़ली.....

This cold night, sleep loaded eyes, a desire to roam. 
Had I been in my city, would  have gone to home.

इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से तेरी सूरत 
लोग तुझको के मिरा महबूब समझते होंगे..... बशीर बद्र.....

So similar to my ghazals is your face. 
In you, people as my lover, 
can trace.

मत पोंछ अबरू-ए-अरक़-आलूद हाथ से
लाज़िम है एहतियात कि हैआब-दार तेग़
..... मीर हसन.....

Don't wipe perspiring brows with your hand. 
The sword is polished, you should understand.

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है 
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है..... हैदर अली आतिश.....

My love! One who gave you this moon like face.
I have also been accorded love by His grace.

तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा
मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है
..... अमीर मीनाई..... 

You are angry with my love. 
Your anger is what I  love.

रिआ'यत चाहिए ऐसी कि ज़ेबाई हो मा'नी की 
उरूस-ए-शेर का ऐ 'बहर' ज़ेवर हो तो ऐसा हो..... इमदाद अली बहर.....

That meaning is beautiful, concession should be such.
O 'Bahar'! Bride of couplet needs be ornamented much.


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