ये हक़ीक़त है कि अर्बाब-ए-हिमम के वास्ते ..... आतिश बहावलपुरी.....
Really, life is conjunction between body and soul.
But it's for those who are
courageous as a whole.
क्या क्या पुकारें सिसकती देखीं लफ़्ज़ों के ज़िंदानों में
चुप ही की तल्क़ीन करे है ग़ैरत-मंद ज़मीर हमें..... मुख्तार सिद्दीक़ी.....
You listen to many sobs in the word's cage.
Poor conscience educates to be silent 'n age.
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