Wednesday, 21 December 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +12 COUPLETS.....

ख़ता किस की है तुम ही वक़्त के बाहर रहे 'शाहीं'
तुम्हें आवाज़ देने एक लम्हा दूर तक आया..... जावेद शाहीन.....

 Whose is the fault 'Shaheen', you were out of time.
A moment came to call after  you for a long time.

आप आए हैं हाल पूछा है
हम ने ऐसे भी ख़्वाब देखे हैं 
..... एजाज़ वारसी.....

You have come, asked 
my welfare.
At such dreams, me too 
 can stare. 

अक़्ल में यूँ तो नहीं कोई कमी 
इक ज़रा दीवानगी दरकार है 
... फ़िराक़ गोरखपुरी.....

There is no shortage in this mind. 
What's needed, is frenzy of a kind. 

ज़िंदगी जब्र है और जब्र के आसार नहीं 
हाए इस क़ैद को ज़ंजीर भी दरकार नहीं 
..... फ़ानी बदायूनी..... 

Life is a torture without any sign. 
Wow! this jail needs no chain  alien. 

देवताओं का ख़ुदा से होगा काम 
आदमी को आदमी दरकार है 
..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

Gods might be in Almighty's need. 
Humans have only human's need. 

हम को भी सर कोई दरकार है अब सर के एवज़
पत्थर इक हम भी चला देते हैं पत्थर के एवज़..... कर्रार नूरी.....

I also need a head in exchange of mine. 
I also throw stone in exchange of thine. 

अतवार उस के देख के आता नहीं यक़ीं 
इंसाँ सुना गया है कि आफ़ाक़ में रहा 
..... एजाज़ गुल..... 

Seeing his conduct, it's so hard to  believe. 
Man is heard to be in horizons to  perceive. 

इश्क़ को हुस्न के अतवार से क्या निस्बत है 
वो हमें भूल गए हम तो उन्हें याद करें 
..... अबु मोहम्मद सहर..... 

How is love related with conduct of beauty? 
She forgot me, but I 
remember her as duty. 

किसी सूरत से हुई कम न हमारी तशवीश 
जब बढ़ी दिल से तो आफ़ाक़ में फैली तशवीश..... हबीब मूसवी..... 

In no way could  be reduced my fear. 
From heart, it touched horizon O dear!

कौन हैं वो जिन्हें आफ़ाक़ की वुसअत कम है 
ये समुंदर न ये दरिया न ये सहरा मेरा 
..... अशफ़ाक़ हुसैन..... 

Who are those that feel extent of horizon is less? 
The ocean, stream, desert aren't mine to progress. 

मेरी ख़ामोशियों में लर्ज़ां है 
मेरे नालों की गुम-शुदा आवाज़ 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़.....

It's trembling in my silence.
The wails of my past tense. 

आवाज़ दे के देख लो शायद वो मिल ही जाए 
वर्ना ये उम्र भर का सफ़र राएगाँ तो है 
..... मुनीर नियाज़ी.....

May be, he can be found, just give a call. 
Otherwise life tour is a waste after all. 

इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं 
होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं 
..... जावेद अख्तर.....

In this city,the styles of living 
are strange. 
Jokes on lips 'n blisters on tongue is the range. 

देते फिरते थे हसीनों की गली में आवाज़
कभी आईना-फ़रोश-ए-दिल-ए-हैराँ हम थे ..... तअश्शुक़ लखनवी.....

I used to roam in lover's lanes giving call. 
I was mirror seller of wondering heart after all.

जब ग़ुंचे को वाशुद हुई तहरीक सबा से 
बुलबुल से अजब क्या जो करे नग़्मा-सराई ..... इस्माइल मेरठी.....

When the bud opened by movement of breeze.
What's strange if nightingale sings melodies?

न लुटता दिन को तो कब रात को यूँ बे-ख़बर सोता
रहा खटका न चोरी का दुआ देता हूँ रहज़न को..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

Having been looted in the day, am carefree to sleep as I can. 
Nothing is left for the theft, well, thanks to the highwayman

सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता 
निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता..... अमीर मीनाई.....

Veil slides from her face, ever so slowly. 
You watch the sun's pace, ever so slowly. 

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