सभी हैं भीड़ में तुम भी निकल सको तो चलो...... निदा फ़ाज़ली.....
There will be sun enroute, come if you can O cute!
There are many in the crowd,
you too can come out aloud.
ये कह के दिल ने मिरे हौसले बढ़ाए हैं
ग़मों की धूप के आगे ख़ुशी के साए हैं
...... माहिर - उल-क़ादरी....
Saying so encouraged me the heart.
After grief sun do joy shades start.
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
..... निदा फ़ाज़ली.....
Come out in the sun,
bathe in rain on the run.
Reality in life you will see,
get out of books, just be.
दर्द की धूप में सहरा की तरह साथ रहे
शाम आई तो लिपट कर हमें दीवार किया
..... अता शाद.....
In the sunlight of grief sustained, as desert along with we remained.
When the evening came around, embraced and walled the ground.
चश्म-पोशों से रहूँ 'शाद' मैं क्या आईना-दार
मुँह पे काना नहीं कहता है कोई काने को
..... शाद लखनवी.....
'Shaad' from those who avert look,
how long mirror - holding took?
On face none calls one-eyed,
to one not seeing on one side.
यही मिलने का समय भी है बिछड़ने का भी
मुझ को लगता है बहुत अपन से डर शाम के बाद..... कृष्ण बिहारी नूर.....
It's the time to meet
'n also parting treat.
With self, I am very afraid,
after fairwell, evening bade.
पलकों के सितारे भी उड़ा ले गई 'अनवर'
वो दर्द की आँधी कि सर-ए-शाम चली थी
..... अनवर मसूद.....
Flew with eyelash's star,
O 'Anwar' it took that far.
A storm of pain that blew,
since evening to continue.
सुन चुके जब हाल मेरा ले के अंगड़ाई कहा
किस ग़ज़ब का दर्द ज़ालिम तेरे अफ़साने
में था..... शाद अज़ीमाबादी.....
Having listened to my state, she stretched limbs to state.
How intense was the pain,
O cruel did your tale contain!
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