Friday, 9 December 2022

REKHTA.. TODAY'S 5 +21 COUPLETS

कलाम-ए-मीर समझेंऔर ज़बान - ए-मीरज़ा समझें
मगर उन का कहा वो आप समझें या ख़ुदा समझें..... ऐश देहलवी.....

The works of Mirza and Meer, I can understand. 
But only God  or he can his work understand. 

ख़ुदा तौफ़ीक़ देता है जिन्हें वो ये समझते हैं 
कि ख़ुद अपने ही हाथों से बना करती हैं तक़दीरें..... अज्ञात..... 

With divine grace, you can understand the state. 
By own hands, you can inscribe lines of fate-

उन के चेहरे की चमक के सामने फीका लगा
आसमाँ में चाँद पूरा था मगर आधा लगा
..... इफ़्तिख़ार नसीम.....

It looked dim confronting glow of her face. 
Moon was full but only half, you 'd trace. 

गिला भी है तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह.....नासिर सुल्तान काज़मी..... 

I love you a lot and have lot of laments. 
Under both heads, there are many comments. 

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है 
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है 
..... फ़ैज़ अहमद फ़ैज़.....

Heart is useless but it hasn't lost hope. 
Eve' of grief is long but with it I can cope. 

शाम से आँख में नमी सी है 
आज फिर आप की कमी सी है 
..... गुलज़ार.....

There's moisture in eyes since eve'. 
Today your absence is felt O eve. 

आप पहलू में जो बैठें तो सँभल कर बैठें 
दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की..... जलील मानिकपुरी..... 

Be careful when you sit by my side. 
Rules of society heart doesn't abide. 

आप के बा'द हर घड़ी हम ने 
आप के साथ ही गुज़ारी है 
..... गुलज़ार..... 

After you have left, all the time. 
I' ve spent with you all the time. 

तुझे दानिस्ता महफ़िल में जो देखा हो तो मुजरिम हूँ 
नज़र आख़िर नज़र है बे-इरादा उठ गई होंगी.....सीमाब अकबराबादी ..... 

I am a culprit to call, if I knew 'n saw at all. 
But gaze is gaze, by chance it can  raise. 

तकलीफ़ मिट गई मगर अहसास रह गया 
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मिरे पास रह गया..... अब्दुल हमीद अदम..... 

The feeling has remained though trouble is gone. 
I am happy that something
 is  in my zone

दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई 
लेकिन तमाम उम्र का आराम हो गया 
..... अज्ञात..... 

There was a little pain, by breaking of heart. 
But there's a lifetime comfort on my part. 

ऐ 'ज़ौक़' तकल्लुफ़ में है तकलीफ़ सरासर 
आराम में है वो जो तकल्लुफ़ नहीं करता 
..... शैख़ इब्राहिम ज़ौक़..... 

O 'Zauq', in formality, there's a definite pain. 
He is happy who from it, does refrain. 

दिल की तकलीफ़ कम नहीं करते 
अब कोई शिकवा हम नहीं करते 
..... जौन एलिया..... 

I do not reduce heart pain. 
These days, I don't complain. 

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन 
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है..... मिर्ज़ा ग़ालिब..... 

About the truths of heaven I am well aware. 
But 'Ghalib' to keep happy, nice idea is there. 

फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था 
वो मुझ से इंतिहाई ख़ुश ख़फ़ा होने से पहले था..... अनवर शऊर..... 

Better than the angels I was, before being bad. 
Before getting angry with me, he was very glad. 

क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में 
जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं 
..... जौन एलिया..... 

Why to be formal in saying, 
 it eased
I am ignited with any one pleased. 

तबीअत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में 
हम ऐसे में तिरी यादों की चादर तान लेते हैं..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

When I am mentally disturbed in lonely nights zone. 
I cover myself with your memories, don't feel alone. 

जब से उस ने शहर को छोड़ा हर रस्ता सुनसान हुआ 
अपना क्या है सारे शहर का इक जैसा नुक़सान हुआ..... मोहसिन नक़्वी..... 

When she left the city, looks of lanes is a pity. 
It's a not my loss alone, whole city lost it's tone.

सारी गली सुनसान पड़ी थी बाद-ए-फ़ना के पहरे में 
हिज्र के दालान और आँगन में बस इक साया ज़िंदा था..... जौन एलिया..... 

Entire lane was deserted, under after death shade. 
In the arena of departure, was only one shadow made. 

शहरों के सारे जंगल गुंजान हो रहे है़ 
फिर लोग मेरे अंदर सुनसान हो रहे हैं 
..... तनवीर अंजुम..... 

The jungles of city are getting dense as meant. 
People within me, have again become silent. 

इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग़त किसे नसीब 
इतना न याद आ कि तुझे भूल जाएँ हम 
..... अहमद फ़राज़..... 

Having comfort in life, who has such a fate. 
Don't crowd memories , I may forget O mate. 

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें 
हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया..... बहादुर शाह ज़फ़र..... 

You didn't remember me even by mistake. 
I have forgotten all for your memory's sake. 

एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें 
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं 
..... फ़िराक़ गोरखपुरी..... 

Since long, I have not  remembered you. 
I have forgotten you, 
is also not true. 

तिरे भूल जाने की आदत के सदक़े
तुझे भूल जाने को जी चाहता है 
..... सय्यदा फ़रहत..... 

As an offer to your forgetting style. 
I want to forget you for a little while. 

ये ताज के साए में ज़र-ओ-सीम के ख़िर्मन 
क्यूँ आतिश-ए-कश्कोल-ए-गदा से नहीं डरते..... परवेज़ शाहिदी ..... 

These heaps of gold and silver under crown shade. 
Why aren't they by saint's fire of begging bowl afraid ? 

लोग तन्हाई का किस दर्जा गिला करते हैं 
और फ़नकार तो तन्हा ही रहा करते हैं
...... आल-ए-अहमद सुरूर.....

 How  much do people lament being alone? 
While the artists always insist being alone. 










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