Thursday, 8 December 2022

SHAHAR YAR.. GHAZAL.. ZINDAGI JAB BHI TIRI BAZM MEIN LAATI HAI HUMEIN

ज़िंदगी जब भी तिरी बज़्म में लाती है हमें 
ये ज़मीं चाँद से बेहतर नज़र आती है हमें 

When ever life brings me in your lane. 
Earth looks better than 
moon, more sane. 

सुर्ख़ फूलों से महक उठती हैं दिल की राहें 
दिन ढले यूँ तिरी आवाज़ बुलाती है हमें 

Heart lanes get fragrant with red flowers. 
As you call me with day on wane. 

याद तेरी कभी दस्तक कभी सरगोशी से 
रात के पिछले-पहर रोज़ जगाती है हमें 

Your memory either whispers or gives a knock. 
It awakens me daily with night on wane. 

हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है 
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें

Why every meeting in departure ends.
That's what hurts me, turns insane.


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