खेलै एक घास मैं टाबर अठै - उठीनैं।
मा हाँसै कन्नै ई बैठी सै नै चीने।
मूनैं हैरानी हो री सै या समझाओ।
काबा सोमनाथ मैं जाकै थे के पाओ?
..... (मारवाड़ी/हिन्दी ).....
खेल रह्यो सै छोरो एक घास मैं भाई।
ऐं नैं देखै, बर-बर हँस री ऐं की माई।
काबा सोमनाथ जो जार्या सैं, जाणै दै।
के करणू सै मन्नैं, उण नैं घबराणै दे।।
..... (हरियाणवी/हिन्दी ).....
तृणै खेलै एक टी बाच्चा ।
काछे मिष्टी मुखे मा हाशे।
कैनू लोके काबा शोमनाथ जाय?
आमि हैरान, माथाय ना आशे।।
..... (बाङ्ग्ला).....
A child is playing on the grass.
While mother smiles sitting nearby.
Still people visit Kaaba, Somnath.
I have always wondered, why?
खेड रिह्या एक निक्का मुण्डा घासे।
मा हसदी - वगदी- रहंदी आसे-पासे।
दुनिया काबा सोमनाथ वी जांदी।
मैंनूँ अचरज हुंदा, समझ न आंदी।।
..... (पंजाबी).....
(Original qat'aa by Akhtar Ansari)
घास पर खेलता है एक बच्चा।
पास माँ बैठी मुस्कराती है।
मैं हूँ हैरान, किसलिए दुनिया,
का'बा और सोमनाथ जाती है?
शानदार. Behad umda
ReplyDelete