Friday, 6 January 2023

हम दो तन हैं एक प्राण हैं आज हुआ यह स्पष्ट..... रवि मौन

 हम दो तन हैं एक प्राण हैं, आज 
हुआ यह स्पष्ट
तेरे तन पर, पर- नारी नख- घाव, 
मुझे दें कष्ट

आमरा दुई शोरीर ऐक आत्ता,आज के 
होलो स्पोष्टो
नखो-घा आच्चेन तोमार तोने, आमार
 मोने कोष्टो....... बाङ्ग्ला....

इक्को आत्मा ते दो झब्बे, आई समझ अज्ज ओए रब्बे
होर कुड़ी ने दित्ते घा', मैंनूँ दिंदे पीड़ अथा' 
..... पंजाबी..... 


..... मूल श्लोक.... .. संस्कृत.....
(जोशी जी से अपेक्षित) 

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