Sunday, 26 February 2023

KHUMAR BARAHBANKVI... COUPLETS

कहीं शेर ओ नग़्मा बन के कहीं आँसुओं में ढल के 
वो मुझे मिले तो लेकिन कई सूरतें बदल के 

Being couplets or a poem, being shaped as a  tear. 
He mer me many times,
 but in a different wear. 

हाल-ए-ग़म कह के ग़म बढ़ा बैठे 
तीर मारे थे तीर खा बैठे 

Telling painful heart tale,increased pain. 
Shot arrows and then 
got shot in vain. 

न तो होश से तआरुफ़ न जुनूँ से आश्नाई 
ये कहाँ पहुँच गए हैं तिरी बज़्म से निकल के

Neither related to ecstasy, 
nor in contact with sense. 
Where have we reached coming out of your fence? 

न हारा है इश्क़ और न दुनिया थकी है 
दिया जल रहा है हवा चल रही है

Neither love is defeated, nor  world has retreated. 
The wind is blowing and the lamp is glowing. 

सहरा को बहुत नाज़ है वीरानी पे अपनी 
वाक़िफ़ नहीं शायद मिरे उजड़े हुए घर से 

Desert is so proud of it's being  alone. 
Unaware of my lone home, it's tone. 

रौशनी के लिए दिल जलाना पड़ा 
कैसी ज़ुल्मत बढ़ी तेरे जाने के बअ'द 

I had burnt my heart for the glow. 
After you left, it was terrible blow. 

दुश्मनों से पशेमान होना पड़ा है 
दोस्तों का ख़ुलूस आज़माने के बाद 

I have repented before the enemy' s core. 
After trying out the friends 
in store. 

ये वफ़ा की सख़्त राहें ये तुम्हारे पाँव नाज़ुक 
न लो इंतिक़ाम मुझ से मिरे साथ साथ चल के 

Love paths are hard, your delicate feet. 
Don't punish by going with 
me on street. 

हैरत है तुम को देख के मस्जिद में ऐ 'ख़ुमार' 
क्या बात हो गई जो ख़ुदा याद आ गया 

Finding you in mosque is a matter of surprise. 
What happened, how did Him you memorise? 

अक़्ल ओ दिल अपनी अपनी कहें जब 'ख़ुमार' 
अक़्ल की सुनिए दिल का कहा कीजिए 

When brain and heart talk of their own. 
Listen to brain but act with heart tone. 

ओ जाने वाले आ कि तिरे इंतिज़ार में 
रस्ते को घर बनाए ज़माने गुज़र गए

Come back soon while waiting for you.
 It's long since path was made home too. 

याद करने पे भी दोस्त आए न याद 
दोस्तों के करम याद आते रहे 

I could not remember the friends even. 
All I know is their good
deed then. 

दुश्मनों से प्यार होता जाएगा 
दोस्तों को आज़माते जाइए 

You will start loving the foes. 
Just try friends and get woes. 


Monday, 20 February 2023

ZAFAR IQBAL..GHAZAL.. YE NARM NARM GHAAS YE TAARON BHARI ZAMEEN...

ये नर्म नर्म घास ये फूलों भरी ज़मीं
इक दिन बहा था ख़ून का दरिया यहीं  कहीं

The silk soft grass, this flower rich land. 
A stream of blood once swept this sand. 

किस को पता है टूटते पत्तों की टोलियाँ 
उड़ती हवा के साथ किसे ढूँढने चलीं 

In whose pursuit do they whirl with wind? 
Who knows about falling leaves in a band? 

किस जुस्तजू में जिस्म जलाते हैं रात भर
सच पूछिए तो इस की हमें भी ख़बर नहीं 

In search of what do they burn all night? 
To tell the fact, we have no knowledge in hand. 

चुपचाप तीरगी के नसीबों में खो गए
जिन की नज़र में जागती शम'एँ भी हेच थीं

Dark fate lines engulfed with ease. 
Whose eyes never rated glowing candles grand. 


Saturday, 18 February 2023

REKHTA TODAY'S 5 COUPLETS

किसी बेवफ़ा की ख़ातिर ये जुनूँ 'फ़राज़' कब तक
जो तुम्हें भुला चुका है उसे तुम भी तो भूल जाओ..... अहमद फ़राज़.....

How long'Faraz'frenzy be for that one?
You also forget him, who has forgotten.

मैं ख़याल हूँ किसी और का मुझे सोचता कोई और है 
सर-ए-आईना मिरा अक्स है पस-ए-आईना कोई और है..... सलीम कौसर...

I am a thought of someone while another has to grind. 
My image confronts mirror while another stands behind.

हज़ार बर्क़ गिरें लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं 
..... साहिर लुधियानवी.....

Lightning in thousands and lakhs of storms. 
Can't stop budding flowers to bloom in forms.

हर एक बात को चुपचाप क्यूँ सुना जाए
कभी तो हौसला कर के नहीं कहा जाए
..... निदा फ़ाज़ली.....

Why silently listen to each 'n every talk?
Gather the courage to say no
 and walk.

जी बहुत चाहता है सच बोलें
क्या करें हौसला नहीं होता 
..... बशीर बद्र..... 

To speak the truth is a definite desire. 
What to do, I lack courage  and fire. 

चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल
हौसला किस का बढ़ाता है कोई 
..... शकील बदायूनी..... 

Firm self belief is what you need. 
No one does your courage
 feed. 

चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना
बड़ी दूर तक रात ही रात होगी
..... बशीर बद्र..... 

Keep the lamps protected in eyes. 
Night 'll extend for long till it dies. 

तुझे भूल जाने की कोशिशें कभी कामयाब न हो सकीं 
तिरी याद शाख़-ए-गुलाब है जो हवा चली तो लचक गई..... बशीर बद्र..... 

My attepts to forget you, never could succeed. 
Your memory is rose twig, lurches with wind speed. 

Sunday, 12 February 2023

GHAZAL.. GHALIB.. HAZAARON KHWAHISHEN AISI KI HAR KHWAHISH PE DAM NIKLE..

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले

Each worth dying for, a thousand wishes galore.
Many got fulfilled, yet I 
craved for  more.

निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए थे लेकिन 
बड़े बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले

I had heard how was Adam chucked out of heaven.
I was evicted from your lane disgraced far more. 

 ख़ुदा के वास्ते पर्दा न काबे का उठा वाइज़
कहीं ऐसा न हो याँ भी वही काफ़िर सनम निकले

Lest I should find that infidel once again.
For God's sake O priest don't open Kaaba's door.

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने में 
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले 

In love, there's no difference between life 'n death.
For same infidel are both of these in store. 

कहाँ मय-ख़ाने का दरवाज़ा' ग़ालिब ' और कहाँ वाइज़
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले

O' Ghalib' it's unlikely to meet a priest in tavern.
But last night he sneaked in as I left it's door.

Transcreated by Ravi Maun.

Friday, 10 February 2023

आँसू... ख़ुदकुशी... रवि मौन

शब-ए-फ़िराक़ की तन्हाइयों से घबरा कर
तुम्हारे मिलने की उम्मीद आँख में पाकर 
मचल कर आ गए आँखों में दिल को ठुकरा कर
बहुत तलाश किया तुम को हर तरफ़ जा कर
न पाया जब तुम्हें वाँ भी तो ग़म से घबरा कर 
टपक के पलकों से अश्कों ने ख़ुद-कुशी कर ली

Troubled by solitude of departure at night. 
Hoping to find you in eyes within sight. 
They surfaced in eyes and shunned the heart. 
Searched over and again then part by part. 
Not finding, grief amassed and made to decide. 
Tears dropped from the eyes to commit suicide. 

Transcreated by Ravi Maun. 

Friday, 3 February 2023

PARVEEN SHAKIR.. GHAZAL

वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा 
मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा 

He is fragrance, with wind scatter so. 
Trouble is with flower, where
 'll it go? 

हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा 
क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा 

I thought it was wound,' ll heal with time. 
Who knew that in main veins, it 'd show. 


वो हवाओं की तरह ख़ाना-ब-जाँ फिरता है 
एक झोंका है जो आएगा गुज़र जाएगा 

Like house of life, he roams as wind. 
It's a gust that would come' n go. 

वो जब आएगा तो फिर उस की रिफ़ाक़त के लिए 
मौसम-ए-गुल मिरे आँगन में ठहर जाएगा 

When he will come, to accompany him. 
In my courtyard,the spring would slow. 

आख़िरश वो भी कहीं रेत पे बैठी होगी 
तेरा ये प्यार भी दरिया है उतर जाएगा 

Well, she too would be sitting on sand. 
Your love is also a river, would slow. 

मुझ को तहज़ीब के बर्ज़ख़ का बनाया वारिस 
जुर्म ये भी मिरे अज्दाद के सर जाएगा

I am assigned as heir of  cultural screen.
My ancestors 'd with this crime, too bow.