Wednesday, 22 March 2023

PARVEEN FANAA SAYYAD...GHAZAL.. TUJH KO AB KOI SHIKAAYAT TO NAHIIN.......

तुझ को अब कोई शिकायत तो नहीं 
ये मगर तर्क-ए-मोहब्बत तो नहीं 

मेरी आँखों में उतरने वाले 
डूब जाना तिरी आदत तो नहीं 

You who got into my eyes. 
Isn't it your habit to sink? 

तुझ से बेगाने का ग़म है वर्ना 
मुझ को ख़ुद अपनी ज़रूरत तो नहीं 

खुल के रो लूँ तो ज़रा जी सँभले 
मुस्कुराना ही मसर्रत तो नहीं 


तुझ से फ़रहाद का तेशा न उठा 
इस जुनूँ पर मुझे हैरत तो नहीं 

फिर से कह दे कि तिरी मंज़िल-ए-शौक़ 
मेरा दिल है मिरी सूरत तो नहीं 

तेरी पहचान के लाखों अंदाज़ 
सर झुकाना ही इबादत तो नहीं 

चचचॐॐॐ

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