Monday, 13 March 2023

SHAHARYAAR.... GHAZAL..... YEH KYAA JAGAH HAI DOSTO YE KAUN SAA DAYAAR HAI...


ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है 
हद-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार ही ग़ुबार है 

What's this place O friend? What a stretch without end? 
As far as  eyes  see, 
there's mist till the end. 

हर एक जिस्म रूह के अज़ाब से निढाल है 
हर एक आँख शबनमी हर एक दिल फ़िगार है

Each eye is dewy, each heart is shattered. 
 Under the tortures of soul,each body has to bend. 

हमें तो अपने दिल की धड़कनों पे भी यक़ीं नहीं 
ख़ोशा वो लोग जिन को दूसरों पे ए'तिबार है 

I don't even believe the beats 
of my heart. 
Those who can believe others, are strong-blend. 

न जिस का नाम है कोई न जिस की शक्ल है कोई 
इक ऐसी शय का क्यूँ हमें अज़ल से इंतिज़ार है

One who neither has a face nor name. 
Why am I waiting for it from eternal bend? 

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