Poet of Hindi, Urdu, English, Bengali and Punjabi.
I also translate gems of Urdu poetry.
Orthopedic surgeon.
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Tuesday, 18 April 2023
ये क्या जगह है दोस्तो ये कौन सा दयार है हद-ए-निगाह तक जहाँ ग़ुबार ही ग़ुबार है हर एक जिस्म रूह के अज़ाब से निढाल है हर एक आँख शबनमी हर एक दिल फ़िगार है हमें तो अपने दिल की धड़कनों पे भी यक़ीं नहीं ख़ोशा वो लोग जिन को दूसरों पे ए'तिबार है न जिस का नाम है कोई न जिस की शक्ल है कोई इक ऐसी शय का क्यूँ हमें अज़ल से इंतिज़ार है
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