दुश्मनों की दुश्मनी का भी गिला जाता रहा
Some suffering from friends has hurt so much.
It erased traces of pain from foes as such.
बूंद जब थी बादल में ज़िन्दगी थी हलचल में
क़ैद अब सदफ़ में है बन के है गुहर तन्हा
..... जावेद अख्तर.....
As a drop in the cloud, life was action. prone.
As a captive in oyster, pearl's inactive 'n lone.
उस की आँखों में भी काजल फैल रहा है
मैं भी मुड़ कर जाते जाते देख रहा हूँ
..... जावेद अख्तर.....
Blackner in her eyes has a widened track.
While parting with her, I'm also looking back.
ज़र का, ज़रूरतों का , ज़माने का दोस्तो
करते तो हम भी हैं मगर इतना अदब नहीं
..... जावेद अख्तर.....
Money, needs and world count as such.
I regard these but not all that much.
मुझे दुश्मन से भी खुद्दारी की उम्मीद रहती है
किसी का भी हो सर क़दमों में सर अच्छा नहीं लगता
..... जावेद अख्तर.....
I expect self respect even from my foes.
No head looks good on anyone's toes.
देखी है चाँद चेहरों की भी रौशनी मगर
उस चेहरे पर अजब है ज़हानत की रौशनी
...... जावेद अख्तर.....
I have seen many faces where beauty glows.
While on that face, intelligence shows.
कराग्रे वसते लक्ष्मी करमध्ये सरस्वति।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।
अग्रहस्त में बसें लक्ष्मी मध्य सरस्वति मात।
मूलभाग में गोविंदा के दर्शन करें प्रभात।।
In distal part lives goddess of wealth, Goddess of learning in mid hand.
Govind himself stays in proximal part,
Daily morning look at your hand.
पास था नाकामी-ए-सय्याद का ऐ हम-सफ़ीर
वर्ना मैं और उड़ के आता चंद दानों के लिए
The thought of failure for my catcher remains.
Or else, I wouldn't have dived for the grains.
दूर बजती थी रात शहनाई
रोया पी कर बहुत शराब कोई
..... जावेद अख्तर.....
Last night, clarinet tunes drifted along.
He drank a lot and wailed for long.
सन्नाटे आए दरजों में झांका चले गए
गर्मी की छुट्टियां थी वहाँ कोई भी न था
..... बशीर बद्र.....
Silence came, peeped in rooms, just went on.
It was summer vacation and all had gone.
अपनी हस्ती का सफ़ीना सू-ए-तूफ़ां कर लें
हम मोहब्बत कोशरिक-ए-ग़म-ए-इंसां कर लें
..... असरार-उल-हक़ मजाज़.....
Let's steer the ship of our life towards storm.
Include love 'n all human griefs within a norm.
बू-ए-ख़िज़ां से मस्त हैं याद हमें बहार क्या
हम तो चमन-परस्त हैं, फूल कहाँ के ख़ार क्या
..... फ़ानी बदायूनी.....
Lost in autumn smell, can't recollect spring' 's game.
We are garden lovers, thorns' n flowers
are the name.
नहीं मा'लूम किस हालत में हूँ मैं बाग़-ए-आलम में
क़फ़स वाले भी मुझ को देख कर फ़रियाद करते हैं
..... साक़िब लखनवी.....
I know not how I am in world' 's garden O mate!
Even prisoners pray for me seeing in this state.
ख़ुद-फ़रामोश क़फ़स में हैं चमन याद नहीं
ग़ैर के हो गए ऐसे कि वतन याद नहीं
..... साक़िब लखनवी.....
Lost in themselves in prison, they forgot even the garden.
Got so mixed with others they forgot even their nation.
अनकहे शे'अर हैं वादी-ए-ज़हन में, मुख़्तलिफ़ रंग के झिलमिलाते दिए
दस्त-ए-अल्फ़ाज़ महफ़ूज़ कर लें इन्हें, चल रही है हवा बुझ न जाएँ कहीं
..... बशीर बद्र.....
In mind valley as flickering flames of various colours, unsaid couplets are there.
Let the words extend their hands to shield, lest blowing wind should have it's share.
जो मैं ऐसा जानती प्रीत किए दुःख होय
नगर ढिंढोरा पीटती प्रीत न करिथो कोय
..... मीरा बाई.....
With beating of drums, I'd say it to all.
It hurts when in love, in it don't you fall.
ये तस्वीरें ब-ज़ाहिर तो बहुत ख़ामोश रहती हैं
मगर अहल-ए-नज़र देखें तो दिल की बात कहती हैं
These murals always appear to be mum.
For gifted observers, have a tune to hum.
दैर-ओ-हरम में बहस हुई दिल कहाँ रहे
आख़िर ये तय हुआ कि ये बे-ख़ानुमा रहे
..... नातिक़ लखनवी.....
Temple 'n mosque had a rift, where should heart stay?
"No where" 0was decided, it' d go it's own way.
क़फ़स में हम थे घिरी बादलों में बिजली थी
तड़प तड़प के रहे दोनों आशियाँ के लिए
..... रियाज़ ख़ैराबादी.....
I was in prison and spark in clouds somewhere.
My nest was in garden, both longed
to be there.
उस साल फ़स्ल-ए-गुल में उजड़ा जो बनते-बनते
रहता तो आशियाँ को अब एक साल होता
That year it got ruined in spring on it's way.
My nest could be one year old on this
day.
सामने उस के न कहते मगर अब कहते हैं
लज़्ज़त-ए-इश्क़ गई ग़ैर के मर जाने से
I won't have said in his presence, but could now be precise.
The charm of love is literally lost with my rival's demise.
शुक्रिया आने का पर झांक न इतना अंदर
पूछने वाले कहीं तेरा ही छुपा राज़ न हो
Thanks for the visit but don't delve in my state.
May be, it reveals your own secret in it's spate.
कहानी मेरी रूदाद-ए-जहां मालूम होती है
जो सुनता है उसी की दास्ताँ मालूम होती है
..... सीमाब अकबराबादी.....
My story appears to be of universal accord.
Whoever listens, thinks, it's his own on record.
वो सजदा क्या रहे अह्सास जिसमें सर उठाने का
इबादत और ब-क़द-ए-होश तौहीन-ए-इबादत है !
..... सीमाब अकबराबादी.....
While kneeling to ground, if you know when to rebound, it's not taking His name.
When in prayer, if you are aware and not in trance, it's simply a matter of shame.
ग़लत है, आप न थे हमक़लाम, ख़िलवत में
उदू से आप की तस्वीर बोलती होगी
..... रियाज़ ख़ैराबादी.....
Oh no! You weren't talking with him, while alone.
My rival and your portrait might be in talking tone.
एक हंगामे पे मौकूफ़ है घर की रौनक़
नौहा-ए-ग़म ही सही नग़्मा-ए-शादी न सही
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
From occasions, the get up of home
takes breath.
Whether it's singing for marriage or mourning at death.
दुआओं का अंजाम पेश-ए-नज़र है
बहरहाल सब से लिए जा रहा हूँ
..... मानूस सहसरामी.....
Effects of blessings are well known.
Still I take these, don't disown.
काबे को जा रहा हूँ, नज़र सू-ए-दैर है
फिर फिर के देखता हूँ कोई देखता न हो
..... हफ़ीज़ जालंधरी .....
I am Kaaba bound, looking temple's way.
Whether seen by someone, my eyes get astray.
खिल के मुर्झा भी गया, आँख किसी की न पड़ी
मैं चमन-ज़ार-ए-जहाँ में गुल-ए-सहराई था
..... महाराज बहादुर फर्क़.....
I bloomed and withered, was observed
by none.
In world garden , a desert flower under
the sun.
सय्याद ! इस क़दर तो फ़रेब- ए-सूकूँ न दे
इतना तो ख़ुद हमें भी ग़म-ए-आशियाँ नहीं
O captor ! Don't pretend with so much solace.
I don't grieve that much for my.nesting space.
ख़ाम-ए-क़ुदरत ने दिल का नाम ये कह कर लिखा
हर जगह इस लफ़्ज़ के म'आनी बदलते जाएँगे
..... अज़ीज़ लखनवी.....
The pen of Almighty named heart in such a case.
Meaning of this word will change in each place.
शम'अ बुझती है तो उस में से धुँआ उठता है
शोला-ए-इश्क़ सियह-पोश हुआ मेरे बाद !
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
As candle extinguishes, it emits the smoke.
Love flame wore dark clothes for this bloke !
नमः पंकज नाभाय नमः पंकज मालिने
नमः पंकज नेत्राय नमस्ते पंकजांघ्रये
पंकज नाल नाभि से निकले पंकज की है माला
पंकज श्रीचरणों पर चित्रित पंकज नयन विशाला
I bow before lotus from your navel,
lotus garland so discrete.
I bow before those lotus eyes
and lotus mark on your feet.
आशिक़ का बांकपन न गया बाद-ए-मर्ग भी
तख़्ते पे गुस्ल को जो सुलाया अकड़ गया
Even after death, my lover's style lost not a whiff.
When laid on board for a bath, her body turned stiff.
दिल ख़ुश हुआ है मस्जिद-ए-वीराँ को देख कर
मेरी तरह ख़ुदा का भी खाना ख़राब है
It pleases me seeing a desolate mosque as I roam.
State of house of Lord is no different from my home.
वाइज़ शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
O priest ! Inside the mosque let me sit
and drink.
Or tell about a place with which God has no link.
दिल गया रौनक़-ए-हयात गई
ग़म गया सारी कायनात गई
Love goes, all charms of life lose role.
Without pain, universe is lost as a whole.
रौ में है रख़्श-ए-उम्र कहाँ देखिए थमे
ना हाथ में है डोर न पा है रक़ाब में
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
Horse of life is running, none knows when it stands.
Feet are out of pedlocks and reins are not in hands.
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
There's a glow on my face, when she is in view.
I am no longer sick, she holds that view.
दोनों का एक हाल है ये मुद्दआ हो काश
वो ही ख़त उस ने भेज दिया क्यूँ जवाब में
..... मोमिन.....
How I wish condition of us both be the same.
Why has she sent my letter back in my name?
ख़ुशबू को तितलियों के परों में छुपाऊँगा
फिर नीले नीले बादलों में लौट जाऊँगा
..... बशीर बद्र. की ग़ज़ल के तीन अश'आर....
Fragrance hidden in butterfly wings O pal.
Then back to blue clouds I'll go after all.
इक पल की ज़िन्दगी मुझे बेहद अज़ीज़ है
पलकों पे झिलमिलाऊँगा और टूट जाऊँगा
The life of a moment is so dear to me.
I'll dazzle on eyelashes 'n then fall.
दीवानावार मुझ से लिपट जाएगी हवा
मैं सुर्ख़ सुर्ख़ फूलों में जब मुस्कराऊँगा
When I' ll smile in bright red flowers.
Madly the wind 'll embrace on my call.
यही काँटे तो कुछ ख़ुद्दार हैं सहन-ए-गुलिस्तां में
जो शबनम के लिए दामन को फैलाया नहीं करते
Only thorns in garden' 've self respect maintained by a few.
Who don't stretch their garb to collect certain drops of dew.
ख़ाम-ए-क़ुदरत ने दिल का नाम ये कह कर लिखा
हर जगह इस लफ़्ज़ के म'आनी बदलते जाएँगे
..... अज़ीज़ लखनवी.....
The pen of Almighty named heart in such a case.
Meaning of this word will change in each place.
शम'अ बुझती है तो उस में से धुँआ उठता है
शोला-ए-इश्क़ सियह-पोश हुआ मेरे बाद !
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
As candle extinguishes, it emits the smoke.
Love flame wore dark clothes for this bloke !
नमः पंकज नाभाय नमः पंकज मालिने
नमः पंकज नेत्राय नमस्ते पंकजांघ्रये
पंकज नाल नाभि से निकले पंकज की है माला
पंकज श्रीचरणों पर चित्रित पंकज नयन विशाला
I bow before lotus from your navel,
lotus garland so discrete.
I bow before those lotus eyes
and lotus mark on your feet.
आशिक़ का बांकपन न गया बाद-ए-मर्ग भी
तख़्ते पे गुस्ल को जो सुलाया अकड़ गया
Even after death, my lover's style lost not a whiff.
When laid on board for a bath, her body turned stiff.
दिल ख़ुश हुआ है मस्जिद-ए-वीराँ को देख कर
मेरी तरह ख़ुदा का भी खाना ख़राब है
It pleases me seeing a desolate mosque as I roam.
State of house of Lord is no different from my home.
वाइज़ शराब पीने दे मस्जिद में बैठ कर
या वो जगह बता दे जहाँ पर ख़ुदा न हो
O priest ! Inside the mosque let me sit
and drink.
Or tell about a place with which God has no link.
दिल गया रौनक़-ए-हयात गई
ग़म गया सारी कायनात गई
Love goes, all charms of life lose role.
Without pain, universe is lost as a whole.
रौ में है रख़्श-ए-उम्र कहाँ देखिए थमे
ना हाथ में है डोर न पा है रक़ाब में
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
Horse of life is running, none knows when it stands.
Feet are out of pedlocks and reins are not in hands.
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
There's a glow on my face, when she is in view.
I am no longer sick, she holds that view.
दोनों का एक हाल है ये मुद्दआ हो काश
वो ही ख़त उस ने भेज दिया क्यूँ जवाब में
..... मोमिन.....
How I wish condition of us both be the same.
Why has she sent my letter back in my name?
ख़ुशबू को तितलियों के परों में छुपाऊँगा
फिर नीले नीले बादलों में लौट जाऊँगा
..... बशीर बद्र. की ग़ज़ल के तीन अश'आर....
Fragrance hidden in butterfly wings O pal.
Then back to blue clouds I'll go after all.
इक पल की ज़िन्दगी मुझे बेहद अज़ीज़ है
पलकों पे झिलमिलाऊँगा और टूट जाऊँगा
The life of a moment is so dear to me.
I'll dazzle on eyelashes 'n then fall.
दीवानावार मुझ से लिपट जाएगी हवा
मैं सुर्ख़ सुर्ख़ फूलों में जब मुस्कराऊँगा
When I' ll smile in bright red flowers.
Madly the wind 'll embrace on my call.
यही काँटे तो कुछ ख़ुद्दार हैं सहन-ए-गुलिस्तां में
जो शबनम के लिए दामन को फैलाया नहीं करते
Only thorns in garden' 've self respect maintained by a few.
Who don't stretch their garb to collect certain drops of dew.
काबा जाने से नहीं कुछ शैख़ मुझ को इतना शौक़
चाल वह बतला कि मैं दिल में किसी के घर करूँ
For me going to Kaaba O priest is not a move so smart.
Tell me the move with which I can occupy someone ''s heart.
हमनशीं कुंज--ए-क़फ़स में मुतमईन हो कर न रह
वर्ना हर्फ़ आएगा तेरी जुर'अत-ए-परवाज़ पर
..... माहिरुल क़ादरी.....
Behind the bars, do not be at peace 'n lie O mate!
Or else your courage to fly, ' ll lose it's say in spate.
फ़ितरत-ए-आदम में थी अल्लाह क्या नश्वोनुमा
एक मुट्ठी ख़ाक यूँ फैली कि दुनिया हो गई
..... साक़िब लखनवी.....
In the nature of Adam was a unique way to grow.
A fistful of dirt covered world with it's flow.
चमन प ग़ारत-ए-गुलचीं से जाने क्या गुज़री
क़फ़स से आज सबा बे-क़रार गुज़री है
I know not what the gardener has inflicted on flowers.
Through the prison, breeze has distress depicted in bowers.
दीदनी है शिकस्तगी दिल की
क्या इमारत ग़मों ने ढाई है
..... मीर तक़ी मीर.....
Majestic is the show on breaking of heart.
Razing this house by grief is an art.
दिल तोड़ के जाने वाले सुन, दो और भी रिश्ते बाक़ी हैं
इक सांस की डोरी अटकी है इक प्रेम का बंधन रहता है
..... क़यूम नज़र.....
Although you have broken heart but two relations still remain.
The chain of breath is yet intact, there's still a love domain.
अच्छा है दिल के पास रहे पासबान-ए-अक़्ल
लेकिन कभी कभी इसे तन्हा भी छोड़ दे
..... इक़बाल.....
It's good that brain stands guard to heart.
But at times, let them stand apart.
दिल की बस्ती भी शहर-ए-दिल्ली है
जो भी गुज़रा है, उस ने लूटा है
..... बशीर बद्र.....
The city of my heart 'n Delhi are akin.
Whoever has passed through, looted within.
मिलना तुमने का ग़ैर से कोई झूट कोई सचमुच कहे
किस किस का मुँह मूँदूं सनम कोई कुछ कहे कोई कुछ कहे..... शाह कुली ख़ां शाही.....
For your meeting with my rival, some say it's false some true.
O love how can I shut all mouths, some hold this some that view.
कुफ़्र रीत क्या हौर इस्लाम रीत
हर इक रीत में इश्क़ का राज़ है
..... सुल्तान मोहम्मद क़ुतब शाह.....
Whether it's atheism or Islamic way.
Everywhere secret of love has a say.
ठहर के पाँव के काँटे निकालने वाले!
ये होश है तो जुनूँ कामयाब क्या होगा?
..... राज़ रामपुरी .....
Stopping to take out thorns of feet.
How can sense and lunacy meet?
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती
..... अकबर इलाहाबादी.....
I get a bad name after heaving a sigh.
She even murders getting no one's eye.
कारफ़र्मा है फ़क़त हुस्न का नैरंग-ए-कमाल
चाहे वो शम'अ बने चाहे परवाना बने
Only beauty works, whatever be the name.
Whether it is moth or the candle flame.
उन को आता है प्यार पर ग़ुस्सा
मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है
..... जिगर मुरादाबादी.....
She gets angry on love.
When she is angry, I love.
वो अपने दर के फ़क़ीरों से पूछते भी नहीं
कि तुम लगाए हुए किस की आस बैठे हो
..... तअ'श्शुक़.....
She doesn't even ask the beggars at door.
What's your wish, whom do you adore?
सब को है तेरे जल्वा-ए-रंगीं की जुस्तजू
ये कौन सोचता है कि ताब-ए-नज़र नहीं
All want to look at your colourful face.
Who thinks, he doesn't have this grace.
हर इक शय में तुम मुस्कराते हो गोया
हज़ारों हिजाबों में ये बे-हिजाबी
As if you are smiling in everything.
Face seen behind covers that cling.
रिदा-ए-लाला-ओ-गुल पर्दा-ए-मह-ओ-अंजुम
जहाँ जहाँ वो छुपे हैं अजीब आलम है
Sheet of daffodils, flowers, curtain of stars and moon.
Where ever He is hidden, there's grandeur in bloom.
Transcreated by Ravi Maun
उसे सय्याद ने कुछ गुल ने कुछ बुलबुल ने कुछ समझा
चमन में कितनी मा'नीख़ेज़ थी इक ख़ामुशी मेरी
..... जिगर मुरादाबादी.....
It was taken for differently by captor, flower' n nightingale.
My silence in garden had for each
one a vivid tale.
साक़ी-ओ-वाइज़ में ज़िद है बादाकश चक्कर में है
तौबा लब पर और लब डूबा हुआ साग़र में है
Tiff in barmaid and priest has left drunkard in a fix.
There's penance on lips, dipped in a drink- mix.
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जाएगा
..... बशीर बद्र.....
Do not bend before it, this stone 'll become an idol.
Do not like her so much, she will become disloyal.
जाए क्यों कर बाग़ से वो क़ैदी-ए-ज़िंदान-ए-इश्क़
उल्फ़त-ए-गुल हो गई ज़ंजीर-ए-पा-ए-अन्दलीब
..... रिन्द.....
How can the love-caged lover leave the garden and fly?
Love with flowers has chained nightingale to a tie.
शिकस्त-ओ-फ़तह नसीबों से है वले ऐ 'मीर'
मुक़ाबला तो दिल-ए-नातवाँ ने ख़ूब किया
..... मीर तक़ी मीर.....
Victory and defeat depend on fate.
Weak-hearted faught a lot O mate!
बयान-ए-कैफ़-ए-मय-ए-इश्क़ हो नहीं सकता
कि दायरे अभी महदूद हैं ज़बानों के
..... बेताब अज़ीमाबादी.....
The pleasure of wine of love just can't
be defined.
Boundaries of languages are very much confined.
वो जब्र भी देखा है तारीख़ की आँखों ने
लम्हों ने ख़ता की थी सदियों ने सज़ा पाई
..... मुज़फ़्फ़राबाद रज़्मी.....
The eyes of calendar have witnessed this torture.
For fault of moments, suffered centuries in future.
मुसाफ़िर हो तुम भी मुसाफ़िर हैं हम भी
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी
..... बशीर बद्र.....
You and me are passengers, so we treat.
On some intersection, again we 'll meet.
पके गेहूँ की ख़ुशबू चीख़ती है
बदन कब का सुनहरा हो चुका है
..... बशीर बद्र.....
Fragrance of ripe wheat sends a clue.
My body has acquired the golden hue.
दरिया के दो किनारे तो फ़ासला रखेंगे
आँसू भरी आँखों से किस तरह नींद लेंगे
Both shores of a river will a distance keep.
How the tearful eyes can get some sleep?
आवारगी से ख़ुश हूँ मैं इतना कि बाद-ए-मर्ग
हर ज़र्रा मेरी ख़ाक का होगा हवा-परस्त
..... सौदा.....
I'm so happy a vagabond, after death as I must.
With wind 'd love to loiter each grain of my dust.
उनका ज़िक्र उनकी तमन्ना उनकी याद
वक़्त कितना क़ीमती है आजकल !
Her talks, desire and memories at prime.
How costly is these days my time ?
किसी रईस की महफ़िल का ज़िक्र क्या है' अमीर '
ख़ुदा के घर भी न आएँगे बिन बुलाए हुए
O'Amir'! Party of a rich man is to what accord?
Uncalled for, I won't even go to house
of Lord.
एक गुस्ताख़ी करूँगा वो भी मर जाने के बाद
यार तुम पैदल चलोगे मैं जनाज़े पर सवार
Once after death, I'll be rude to you, before everyone on the street.
While I'll be carried on the shoulders, you will have to walk on feet.
ख़ंजर चले किसी पे तड़पते हैं हम 'अमीर'
सारे जहाँ का दर्द हमारे जिगर में है
I am agonised when dagger is thrust in any one.
Pain of whole world is centred in heart of this one.
गाहे-गाहे की मुलाक़ात ही अच्छी है 'अमीर'
क़द्र खो देता है हर रोज़ का आना जाना
Only occasional meeting O 'Ameer' is fine.
With daily visits, you lose honour divine.
यक़ीं मोहकम, अमल पैहम, मोहब्बत फ़ातहे आलम
जिहाद-ए-ज़िंदगानी में हैं ये मर्दों की शमशीरें
..... इक़बाल.....
Self faith, full attempt, world winning love in life
Are three swords of man in his religious strife.
मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस होते हैं
ये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता
..... मख़्मूर देहलवी.....
Love is allotted only to certain specific hearts.
This song can't be played on gadgets of
all sorts.
Transcreated by Ravi Maun.
इन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे
मुझे रोक रोक पूछा तेरा हमसफ़र कहाँ है
..... बशीर बद्र.....
The paths where we had walked in a trance like state.
Have stopped me at places to ask where's your mate?
बर्क़ गिरने को गिरी लेकिन ज़रा हट कर गिरी
आँच तक आने न पाई ख़ाना-ए-सय्याद पर
..... बर्क़.....
Lightening struck but just missed it's mark.
The captor's home didn't even get a
spark.
चमन सय्याद ने सींचा यहाँ तक ख़ून-ए-बुलबुल से
कि आख़िर रंग बन कर फूट निकला आरिज़-ए-गुल से
Garden was watered so much with nightingale blood stains.
The flowers finally got a streak of it's colour in their veins.
ये कहाँ की दोस्ती है कि बने हैं दोस्त नासेह
कोई बादा - ख़्वार होता कोई ग़मगुसार होता
..... मिर्ज़ा ग़ालिब.....
What a friendship that my pals became priests outdated.
Some could have relieved pain or turn drunkards unsalted.
लाई हयात आए क़ज़ा ले चली चले
अपनी ख़ुशी न आए न अपनी ख़ुशी चले
..... ज़ौक़.....
Life brought 'n I came here, left when door by death was shown.
Neither I 've come on my sweet will, nor can leave on my own.
गुल भला कुछ तो बहारें ऐ सबा दिखला गए
हसरत तो उन ग़ुंचों पे है जो बिन खिले मुर्झा गए
..... ज़ौक़.....
O breeze! Flowers show their beauty and colours as they bloom.
My regret is for those buds which withered spreading gloom.
तुम्हारी याद में डूबे कहाँ कहाँ से गए
हम अपने आप से बिछड़े तो सब जहाँ से गए
..... सादिक़ा नवाब सहर.....
Submerged in your memories, I went from place to place.
Departing with the self, with whole world I lost trace.
ने दिल को है सबात न हम को है ए'तिबार
किस बात पर चमन हवस-ए-रंग-ओ-बू करे
..... ख्वाजा मीर दर्द.....
Neither heart is stable nor I have the belief.
How can garden lust for fragrance' n colour fief?
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मेरा इंतिज़ार देख
..... इक़बाल.....
It's true that I am not worth your look.
How much I desire and wait just look.
मैं क्या ज़ुबान खोलूँ क़लम उस के हाथ थी
क़ातिल से पूछ कर गुनाह मेरे सर लिखे
What's could I say, he was holding the pen.
Asking murderer, sins were sided for me then.
दैर-ओ-हरम में बहस हुई दिल कहाँ रहे
आख़िर ये तय हुआ कि ये बे-ख़ानुमां रहे
..... नातिक़ लखनवी.....
Temple 'n mosque had a rift where should heart stay?
Nowhere was decided, that it would go it's own way.
क़फ़स में हम थे घिरी बादलों में बिजली थी
तड़प तड़प के रहे दोनों आशियाँ के लिए
..... रियाज़ ख़ैराबादी.....
I was in prison and spark in clouds somewhere.
My nest was in garden, both longed
to be there.
उस साल फ़स्ल-ए-गुल में उजड़ा जो बनते बनते
रहता तो आशियाँ को अब एक साल होता
..... आसी.....
That year in spring, it got ruined on it's way.
Or else,my nest 'd be one year old, so to say.
सामने उस के न कहते मगर अब कहते हैं
लज़्ज़त-ए-इश्क़ गई ग़ैर के मर जाने से
I won't say it in his presence, but now can be precise.
The charm of love is literally lost with my
rival 's demise.
' फ़ानी' यक़ीन-ए-वादा-ए-फ़र्दा को क्या कहूँ
अब ज़िन्दगी है नाम फ़क़त इंतज़ार का
..... फ़ानी बदायूनी.....
What to talk about promises made by
her in past?
' Faani' can wait only as long as his life
will last.
ये तस्वीरें ब-ज़ाहिर तो बहुत ख़ामोश रहती हैं
मगर अहल-ए-नज़र देखें तो दिल की बात कहती हैं
These murals always appear to be mum.
For gifted observers have a tune to hum.
..
No comments:
Post a Comment