वरद मुद्रा, अक्षमाला, पाश, अंकुश, भुजा सुंदर।।
रक्तपीतमिश्रित है वर्ण, ज्यों बन्धूकपुष्प औ' स्वर्ण।
वे त्रिनेत्र से करें निरीक्षण, अर्धचन्द्र उनका आभूषण।।
ॐ बन्धूकपुष्प काञ्चननिभं रुचिराक्षमालांपाशाङ्कुशौ च वरदां निजबाहुदण्डैः।
बिभ्राणमिन्दुशकलाभरणं त्रिनेत्रमर्धाम्बिकेशमनिशं वपुराश्रयामि।।
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