Wednesday, 28 June 2023

........... निशुम्भ-वध...... ध्यानम्........

अर्धनारीश्वर के श्रीविग्रह की  लें शरण निरन्तर।
वरद मुद्रा, अक्षमाला, पाश, अंकुश, भुजा सुंदर।।

रक्तपीतमिश्रित है वर्ण, ज्यों बन्धूकपुष्प औ' स्वर्ण।
वे त्रिनेत्र से करें निरीक्षण, अर्धचन्द्र उनका आभूषण।।

ॐ  बन्धूकपुष्प काञ्चननिभं रुचिराक्षमालांपाशाङ्कुशौ  च   वरदां निजबाहुदण्डैः। 
बिभ्राणमिन्दुशकलाभरणं त्रिनेत्रमर्धाम्बिकेशमनिशं वपुराश्रयामि।। 

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