इक समंदर है मेरी तन्हाई
..... अब्दुल हमीद अदम.....
If your memory is a boat.
My silence is sea to float.
दिल सुलगता है तिरे सर्द रवैये से मिरा
देख अब बर्फ़ ने क्या आग लगा रक्खी है
..... अन्वर मसूद.....
My heart gets burnt by your cold treat.
Now see what a fire is set by icy meet !
आईना ख़ुद भी सँवरता था हमारी ख़ातिर
हम तिरे वास्ते तय्यार हुआ करते थे
..... सलीम कौसर.....
Mirror itself got set for my make.
I used to get ready for your sake.
मिरी नुमू है तेरे तग़ाफ़ुल से वाबस्ता
कम बारिश भी मुझ को काफ़ी हो सकती है
..... अज़हर फ़राग़.....
My growth is subject to your neglect.
A little rain for me is enough to expect.
मैं क्या करूँगा रह के इस जहान में
जहाँ पे एक ख़्वाब की नुमू न हो
.... आमिर सुहैल.....
What for should I live in this world?
Where growth of a dream is weird.
ये ना-गुज़ीर है उम्मीद की नुमू के लिए
गुज़रता वक़्त कहीं थम गया तो क्या होगा?
..... जावेद शैख़.....
It's inevitable for the growth of hope.
If passing time stops, how 'll it cope?
मैं मय-कदे की राह से हो कर गुज़र गया
वर्ना सफ़र हयात का काफ़ी तवील था
..... अब्दुल हमीद अदम.....
I had been through the tavern way.
Or else life journey was long sway.
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