Saturday, 24 June 2023

ZAFAR IQBAL... GHAZAL...

किस को ख़बर थी वो भी मिरा यार होएगा 
और तुर्त साथ सोने को तय्यार होएगा 

Who knew, she would dance to my love tune?
 Could even agree to sleep with me so soon. 

कुछ होने और कुछ भी न होने के दरमियाँ 
इक़रार होएगा कभी इंकार होएगा 

In between being and not being there at all. 
It would be refusal, at times agreeable boon. 

खोला जो उस ने राज़ हमारा तो बेश-ओ-कम 
पोशीदा इस में भी कोई असरार होएगा 

Having exposed more or less of my secrets. 
There must be a secret concealed as boon. 

गुमनाम जो भी रहता है इज़्ज़त उसी की है 
मशहूर होएगा तो बहुत ख़्वार होएगा 

One living in oblivion survives with honour 
A famous person will have a bad fortune. 

जो कुछ समझ में आएगा रुक जाएगा वहीं 
जो फ़हम से वरा है वो इज़हार होएगा 

बाहर से जितनी होएगी ता'मीर सर-बुलंद 

अंदर उसी हिसाब से मिस्मार होएगा 

रहने का हक़ उसी को अता होगा शहर में 

अब शहर-यार का जो तरफ़-दार होएगा 

जो छुप-छुपा के होता रहा सब से आज तक 

अब होएगा तो बरसर-ए-बाज़ार होएगा 

अच्छा नहीं है बोसा-ए-चश्म उस का ऐ 'ज़फ़र' 

तू रफ़्ता-रफ़्ता आप ही बीमार होएगा

No comments:

Post a Comment