Thursday, 6 July 2023

COUPLETS OF BASHIR BADR..

उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो 
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए 

टैग्ज़ : इश्क़ और 7 अन्य
 
  
 
न जी भर के देखा न कुछ बात की 
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की 

टैग्ज़ : आरज़ू और 5 अन्य
 
  
 
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी 
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता 

टैग्ज़ : इश्क़ और 4 अन्य
  
 
ज़िंदगी तू ने मुझे क़ब्र से कम दी है ज़मीं 
पाँव फैलाऊँ तो दीवार में सर लगता है 

टैग्ज़ : ज़िंदगी और 1 अन्य
 
  
 
बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना 
जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता 

टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 1 अन्य
 
  
 
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे 
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों 

टैग्ज़ : अम्न और 5 अन्य
 
 
 
मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला 0
अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
यहाँ लिबास की क़ीमत है आदमी की नहीं 
मुझे गिलास बड़े दे शराब कम कर दे 

टैग्ज़ : आदमी और 2 अन्य
 
  
 
मुसाफ़िर हैं हम भी मुसाफ़िर हो तुम भी 
किसी मोड़ पर फिर मुलाक़ात होगी 

टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 2 अन्य


हर धड़कते पत्थर को लोग दिल समझते हैं 
उम्रें बीत जाती हैं दिल को दिल बनाने में 

टैग : दिल
 
  
 
तुम मोहब्बत को खेल कहते हो 
हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
कोई हाथ भी न मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से 
ये नए मिज़ाज का शहर है ज़रा फ़ासले से मिला करो 

टैग्ज़ : फ़ेमस शायरी और 2 अन्य
 
  
 
इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी 
लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने 
बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा 
यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
हम तो कुछ देर हँस भी लेते हैं 
दिल हमेशा उदास रहता है 
टैग्ज़ : उदासी और 2 अन्य
 
 
 
सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा 
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा 

टैग्ज़ : इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
हसीं तो और हैं लेकिन कोई कहाँ तुझ सा 
जो दिल जलाए बहुत फिर भी दिलरुबा ही लगे 

टैग : हुस्न
 
  
 
पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला 
मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना 
यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है 
ख़ुद राह बना लेगा बहता हुआ पानी है 

टैग्ज़ : ग़म और 2 
 
  
 
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है 
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है 

टैग्ज़ : घमंड और 2 अन्य
 
  
 
लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में 
तुम तरस नहीं खाते बस्तियाँ जलाने में 

टैग : फ़साद
 
  
 
इसी लिए तो यहाँ अब भी अजनबी हूँ मैं 
तमाम लोग फ़रिश्ते हैं आदमी हूँ मैं 

टैग्ज़ : आदमी और 1 अन्य
 
  
 
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा 
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा 

टैग्ज़ : इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में 
फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते 

टैग : बचपन
 
  
 
वो चेहरा किताबी रहा सामने 
बड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
दुश्मनी का सफ़र इक क़दम दो क़दम 
तुम भी थक जाओगे हम भी थक जाएँगे 

टैग्ज़ : दुशमनी और 1 अन्य
 
  
 
सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें 
आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत 

टैग्ज़ : अम्न और 3 अन्य

घरों पे नाम थे नामों के साथ ओहदे थे 
बहुत तलाश किया कोई आदमी न मिला 

टैग्ज़ : इंसान और 1 अन्य
 
  
 
भूल शायद बहुत बड़ी कर ली 
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली 

टैग्ज़ : दुनिया और 2 अन्य
 
 
 
भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले 
न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा 
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा 

टैग्ज़ : रोमांटिक और 1 अन्य
 
  
 
अगर फ़ुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना 
हर इक दरिया हज़ारों साल का अफ़्साना लिखता है 

टैग्ज़ : दरिया और 2 अन्य
 
  
 
अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा 
तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है 
रहे सामने और दिखाई न दे 

टैग्ज़ : एहसास और 1 अन्य
 
  
 
मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है 
कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य

न तुम होश में हो न हम होश में हैं 
चलो मय-कदे में वहीं बात होगी 

टैग्ज़ : नशा और 1 अन्य
 
 
 
कभी कभी तो छलक पड़ती हैं यूँही आँखें 
उदास होने का कोई सबब नहीं होता 

टैग्ज़ : आँख और 1 अन्य
 
 
 
आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा 
कश्ती के मुसाफ़िर ने समुंदर नहीं देखा 

 
  
 
इसी शहर में कई साल से मिरे कुछ क़रीबी अज़ीज़ हैं 
उन्हें मेरी कोई ख़बर नहीं मुझे उन का कोई पता नहीं 

 
  
 
जी बहुत चाहता है सच बोलें 
क्या करें हौसला नहीं होता 

टैग : सच
 
  
 
अजीब शख़्स है नाराज़ हो के हँसता है 
मैं चाहता हूँ ख़फ़ा हो तो वो ख़फ़ा ही लगे 

 
  
 
अजब चराग़ हूँ दिन रात जलता रहता हूँ 
मैं थक गया हूँ हवा से कहो बुझाए मुझे 

 
  
 
आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है 
बेवफ़ाई कभी कभी करना 

टैग्ज़ : इश्क़ और 3 अन्य

कभी तो आसमाँ से चाँद उतरे जाम हो जाए 
तुम्हारे नाम की इक ख़ूब-सूरत शाम हो जाए 

टैग्ज़ : आसमान और 2 अन्य
 
  
 
बहुत दिनों से मिरे साथ थी मगर कल शाम 
मुझे पता चला वो कितनी ख़ूबसूरत है 

टैग्ज़ : महबूब और 1 अन्य
 
  
 
है अजीब शहर की ज़िंदगी न सफ़र रहा न क़याम है 
कहीं कारोबार सी दोपहर कहीं बद-मिज़ाज सी शाम है 

टैग्ज़ : ज़िंदगी और 2 अन्य
 
  
 
दिल की बस्ती पुरानी दिल्ली है 
जो भी गुज़रा है उस ने लूटा है 

टैग्ज़ : दिल और 1 अन्य
 
 
 
गुफ़्तुगू उन से रोज़ होती है 
मुद्दतों सामना नहीं होता 

 
  
 
एक औरत से वफ़ा करने का ये तोहफ़ा मिला 

जाने कितनी औरतों की बद-दुआएँ साथ हैं 

टैग्ज़: औरत और 1 अन्य
 
 
 
महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से 
ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है

न उदास हो न मलाल कर किसी बात का न ख़याल कर 
कई साल ब'अद मिले हैं हम तेरे नाम आज की शाम है 

टैग्ज़: दोस्त और 2 अन्य
 
  
 
रोने वालों ने उठा रक्खा था घर सर पर मगर 
उम्र भर का जागने वाला पड़ा सोता रहा 

टैग: मौत
 
  
 
काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के 
दीवाना बे-पढ़े-लिखे मशहूर हो गया 

टैग: किताब

मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा 
तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है 
जिस तरफ़ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा 

 
  
 
शबनम के आँसू फूल पर ये तो वही क़िस्सा हुआ 
आँखें मिरी भीगी हुई चेहरा तिरा उतरा हुआ 

टैग्ज़: आँख और 3 अन्य
 
  
 
कभी मैं अपने हाथों की लकीरों से नहीं उलझा 
ंं
मुझे मालूम है क़िस्मत का लिक्खा भी बदलता है 

टैग: क़िस्मत
 
  
 
जिस दिन से चला हूँ मिरी मंज़िल पे नज़र है 

आँखों ने कभी मील का पत्थर नहीं देखा 

टैग: मंज़िल

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से 

तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
अच्छा तुम्हारे शहर का दस्तूर हो गया 

जिस को गले लगा लिया वो दूर हो गया 

 
  
 
उस की आँखों को ग़ौर से देखो 

मंदिरों में चराग़ जलते हैं 

टैग: आँख
 
  
 
उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे 

मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
मैं बोलता हूँ तो इल्ज़ाम है बग़ावत का 

मैं चुप रहूँ तो बड़ी बेबसी सी होती है 

टैग: बेकसी
 
  
 
चाँद सा मिस्रा अकेला है मिरे काग़ज़ पर 

छत पे आ जाओ मिरा शेर मुकम्मल कर दो 

टैग: महबूब

तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है 

तुम्हारे बा'द ये मौसम बहुत सताएगा 

टैग्ज़: विदाई और 1 अन्य
 
  
 
कभी तो शाम ढले अपने घर गए होते 

किसी की आँख में रह कर सँवर गए होते 

टैग्ज़: घर और 1 अन्य
 
  
 
मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो 

तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे 

टैग्ज़: इजाज़त और 2 अन्य
 
  
 
पहली बार नज़रों ने चाँद बोलते देखा 

हम जवाब क्या देते खो गए सवालों में 

 
तुम अभी शहर में क्या नए आए हो 

रुक गए राह में हादसा देख कर 

टैग्ज़: फ़साद और 1 अन्य

ये एक पेड़ है आ इस से मिल के रो लें हम 

यहाँ से तेरे मिरे रास्ते बदलते हैं 

टैग: विदाई
 
  
 
तिरी आरज़ू तिरी जुस्तुजू में भटक रहा था गली गली 

मिरी दास्ताँ तिरी ज़ुल्फ़ है जो बिखर बिखर के सँवर गई 

टैग्ज़: आरज़ू और 1 अन्य
 
 
 
मैं तमाम दिन का थका हुआ तू तमाम शब का जगा हुआ 

ज़रा ठहर जा इसी मोड़ पर तेरे साथ शाम गुज़ार लूँ 

टैग: शाम
 
  
 
ख़ुदा हम को ऐसी ख़ुदाई न दे 

कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे 

 
  
 
मुख़ालिफ़त से मिरी शख़्सियत सँवरती है
मैं दुश्मनों का बड़ा एहतिराम करता हूँ 

टैग: दुश्मन
 
 
 
रात का इंतिज़ार कौन करे 

आज कल दिन में क्या नहीं होता 

 
 
 
लहजा कि जैसे सुब्ह की ख़ुश्बू अज़ान दे 

जी चाहता है मैं तिरी आवाज़ चूम लूँ 

टैग्ज़: आवाज़ और 1 अन्य
 
 
 
ख़ुदा की उस के गले में अजीब क़ुदरत है 

वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है 

टैग्ज़: आवाज़ और 1 अन्य
 
 
 
हम दिल्ली भी हो आए हैं लाहौर भी घूमे 

ऐ यार मगर तेरी गली तेरी गली है

वो जिन के ज़िक्र से रगों में दौड़ती थीं बिजलियाँ 

उन्हीं का हाथ हम ने छू के देखा कितना सर्द है 

टैग: मौत
 
  
 
मोहब्बत अदावत वफ़ा बे-रुख़ी 

किराए के घर थे बदलते रहे 

टैग्ज़: दुशमनी और 2 अन्य
 
  
 
सब लोग अपने अपने ख़ुदाओं को लाए थे 

इक हम ही ऐसे थे कि हमारा ख़ुदा न था 

टैग: ख़ुदा
 
  
 
अजीब रात थी कल तुम भी आ के लौट गए 

जब आ गए थे तो पल भर ठहर गए होते 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
नए दौर के नए ख़्वाब हैं नए मौसमों के गुलाब हैं 

ये मोहब्बतों के चराग़ हैं इन्हें नफ़रतों की हवा न दे 
 
 
इस शहर के बादल तिरी ज़ुल्फ़ों की तरह हैं 

ये आग लगाते हैं बुझाने नहीं आते

फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम 

जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा 

टैग्ज़: ज़ुल्फ़ और 1 अन्य
 
  
 
हक़ीक़तों में ज़माना बहुत गुज़ार चुके 

कोई कहानी सुनाओ बड़ा अँधेरा है 

 
  
 
उस ने छू कर मुझे पत्थर से फिर इंसान किया 

मुद्दतों बअ'द मिरी आँखों में आँसू आए 

 
  
 
मैं ने दिन रात ख़ुदा से ये दुआ माँगी थी 

कोई आहट न हो दर पर मिरे जब तू आए 

टैग्ज़: आहट और 3 अन्य
 
  
 
ये फूल मुझे कोई विरासत में मिले हैं 

तुम ने मिरा काँटों भरा बिस्तर नहीं देखा 

 
  
 
कितनी सच्चाई से मुझ से ज़िंदगी ने कह दिया 

तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा 

टैग: ज़िंदगी
 
  
 
उदास आँखों से आँसू नहीं निकलते हैं 

ये मोतियों की तरह सीपियों में पलते हैं 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
दुआ करो कि ये पौदा सदा हरा ही लगे 

उदासियों में भी चेहरा खिला खिला ही लगे 

टैग: दुआ
 
  
 
यारो नए मौसम ने ये एहसान किए हैं 

अब याद मुझे दर्द पुराने नहीं आते 

टैग: दर्द
 
  
 
मैं यूँ भी एहतियातन उस गली से कम गुज़रता हूँ 

कोई मासूम क्यूँ मेरे लिए बदनाम हो जाए 

 
 
 
चराग़ों को आँखों में महफ़ूज़ रखना 

बड़ी दूर तक रात ही रात होगी 

 
  
 
वो इत्र-दान सा लहजा मिरे बुज़ुर्गों का 

रची-बसी हुई उर्दू ज़बान की ख़ुश्बू 

टैग: उर्दू
 
  
 
हम ने तो बाज़ार में दुनिया बेची और ख़रीदी है 

हम को क्या मालूम किसी को कैसे चाहा जाता है 

 
 
 
मुझे मालूम है उस का ठिकाना फिर कहाँ होगा 

परिंदा आसमाँ छूने में जब नाकाम हो जाए 

टैग: परिंदा
 
  
 
कई साल से कुछ ख़बर ही नहीं 

कहाँ दिन गुज़ारा कहाँ रात की 

टैग: मुसाफ़िर
 
  
 
वो बड़ा रहीम ओ करीम है मुझे ये सिफ़त भी अता करे 

तुझे भूलने की दुआ करूँ तो मिरी दुआ में असर न हो 

टैग: दुआ
 
  
 
इक दीवार पे चाँद टिका था 

मैं ये समझा तुम बैठे हो 

टैग: चाँद
 
  
 
अहबाब भी ग़ैरों की अदा सीख गए हैं 

आते हैं मगर दिल को दुखाने नहीं आते 

टैग: दोस्त
 
  
 
किसी ने चूम के आँखों को ये दुआ दी थी 

ज़मीन तेरी ख़ुदा मोतियों से नम कर दे 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नज़र को ख़बर न हो 

मुझे एक रात नवाज़ दे मगर इस के बाद सहर न हो 

टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से 

कहीं भी जाऊँ मिरे साथ साथ चलते हैं 

 
  
 
फिर से ख़ुदा बनाएगा कोई नया जहाँ 

दुनिया को यूँ मिटाएगी इक्कीसवीं सदी 

टैग: दुनिया
 
  
 
नहीं है मेरे मुक़द्दर में रौशनी न सही 

ये खिड़की खोलो ज़रा सुब्ह की हवा ही लगे 

टैग्ज़: रौशनी और 1 अन्य
 
  
 
ग़ज़लों का हुनर अपनी आँखों को सिखाएँगे 

रोएँगे बहुत लेकिन आँसू नहीं आएँगे 

 
  
 
मुझ से क्या बात लिखानी है कि अब मेरे लिए 

कभी सोने कभी चाँदी के क़लम आते हैं 

टैग: सियासत
 
  
 
इजाज़त हो तो मैं इक झूट बोलूँ 

मुझे दुनिया से नफ़रत हो गई है 

 
 
 
मुझे इश्तिहार सी लगती हैं ये मोहब्बतों की कहानियाँ 

जो कहा नहीं वो सुना करो जो सुना नहीं वो कहा करो 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
मैं जिस की आँख का आँसू था उस ने क़द्र न की 

बिखर गया हूँ तो अब रेत से उठाए मुझे 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
बे-वक़्त अगर जाऊँगा सब चौंक पड़ेंगे 

इक उम्र हुई दिन में कभी घर नहीं देखा 

 
  
 
बिछी थीं हर तरफ़ आँखें ही आँखें 

कोई आँसू गिरा था याद होगा 

टैग्ज़: आँख और 1 अन्य
 
  
 
नाम पानी पे लिखने से क्या फ़ाएदा 

लिखते लिखते तिरे हाथ थक जाएँगे 

 
  
 
रात तेरी यादों ने दिल को इस तरह छेड़ा 

जैसे कोई चुटकी ले नर्म नर्म गालों में 

टैग्ज़: इश्क़ और 3 अन्य
 
  
 
मुद्दत से इक लड़की के रुख़्सार की धूप नहीं आई 

इस लिए मेरे कमरे में इतनी ठंडक रहती है 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
 
 
तहज़ीब के लिबास उतर जाएँगे जनाब 

डॉलर में यूँ नचाएगी इक्कीसवीं सदी 

 
  
 
हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में 

अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता 

टैग: शेर
 
  
 
बहुत दिनों से है दिल अपना ख़ाली ख़ाली सा 

ख़ुशी नहीं तो उदासी से भर गए होते 

 
  
 
वो शख़्स जिस को दिल ओ जाँ से बढ़ के चाहा था 

बिछड़ गया तो ब-ज़ाहिर कोई मलाल नहीं 

टैग्ज़: इश्क़ और 2 अन्य
 
  
 
मंदिर गए मस्जिद गए पीरों फ़क़ीरों से मिले 

इक उस को पाने के लिए क्या क्या किया क्या क्या हुआ 

 
  
 
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ 

मय-कदे में कोई छोटा न बड़ा जाम उठा 

टैग: मय-कदा
 
  
 
मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा 

आग से आग बुझा फूल खिला जाम उठा 

 
  
 
हाथ में चाँद जहाँ आया मुक़द्दर चमका 

सब बदल जाएगा क़िस्मत का लिखा जाम उठा 

टैग्ज़: क़िस्मत और 2 अन्य
 
  
 
ये परिंदे भी खेतों के मज़दूर हैं 

लौट के अपने घर शाम तक जाएँगे 

टैग: परिंदा
 
  
 
तुम्हारे घर के सभी रास्तों को काट गई 

हमारे हाथ में कोई लकीर ऐसी थी 

 
 
 
इक शाम के साए तले बैठे रहे वो देर तक 

आँखों से की बातें बहुत मुँह से कहा कुछ भी नहीं 

 
  
 
मेरी आँख के तारे अब न देख पाओगे 

रात के मुसाफ़िर थे खो गए उजालों में 

 
  
 
उसे पाक नज़रों से चूमना भी इबादतों में शुमार है 

कोई फूल लाख क़रीब हो कभी मैं ने उस को छुआ नहीं 

 
  
 
यहाँ एक बच्चे के ख़ून से जो लिखा हुआ है उसे पढ़ें 

तिरा कीर्तन अभी पाप है अभी मेरा सज्दा हराम है 

टैग: फ़साद
 
  
 
वो इंतिज़ार की चौखट पे सो गया होगा 

किसी से वक़्त तो पूछें कि क्या बजा होगा 

टैग: इंतिज़ार
 
 
 
दादा बड़े भोले थे सब से यही कहते थे 

कुछ ज़हर भी होता है अंग्रेज़ी दवाओं में 

 
  
 
मिरे साथ चलने वाले तुझे क्या मिला सफ़र में 

वही दुख-भरी ज़मीं है वही ग़म का आसमाँ है 

 
  
 
न जाने कब तिरे दिल पर नई सी दस्तक हो 

मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आएगा 

टैग: दिल
 
  
 
गले में उस के ख़ुदा की अजीब बरकत है 

वो बोलता है तो इक रौशनी सी होती है 

 
 
 
वो अब वहाँ है जहाँ रास्ते नहीं जाते 

मैं जिस के साथ यहाँ पिछले साल आया था 

टैग: श्रद्धांजलि
 
 
 
हँसो आज इतना कि इस शोर में 

सदा सिसकियों की सुनाई न दे 

 
  
 
दिन में परियों की कोई कहानी न सुन 

जंगलों में मुसाफ़िर भटक जाएँगे 

टैग: मुसाफ़िर
 
  
 
लोबान में चिंगारी जैसे कोई रख जाए 

यूँ याद तिरी शब भर सीने में सुलगती है 

टैग्ज़: फ़ेमस शायरी और 1 अन्य
 
  
 
कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे 

एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे 

टैग: आँसू
 
  
 
कोई फूल सा हाथ काँधे पे था 

मिरे पाँव शो'लों पे जलते रहे 

टैग्ज़: इश्क़ और 1 अन्य
 
  
 
फूल बरसे कहीं शबनम कहीं गौहर बरसे 

और इस दिल की तरफ़ बरसे तो पत्थर बरसे 

टैग: दिल
 
  
 
मुझे लगता है दिल खिंच कर चला आता है हाथों पर 

तुझे लिक्खूँ तो मेरी उँगलियाँ ऐसी धड़कती हैं 

 
 
 
मेरा शैतान मर गया शायद 

मेरे सीने पे सो रहा है कोई 

 
 
 
जिस पर हमारी आँख ने मोती बिछाए रात भर 

भेजा वही काग़ज़ उसे हम ने लिखा कुछ भी नहीं 

 
  
 
ये शबनमी लहजा है आहिस्ता ग़ज़ल पढ़ना 

तितली की कहानी है फूलों की ज़बानी है 

 
  
 
RECITATION
वो माथा का मतला हो कि होंठों के दो मिसरे 

बचपन से ग़ज़ल ही मेरी महबूबा रही है 

 
 
 
मैं तमाम तारे उठा उठा के ग़रीब लोगों में बाँट दूँ 

वो जो एक रात को आसमाँ का निज़ाम दे मिरे हाथ में 

 
 
 
हयात आज भी कनीज़ है हुज़ूर-ए-जब्र में 

जो ज़िंदगी को जीत ले वो ज़िंदगी का मर्द है 

टैग: ज़िंदगी
 
  
 
ये ज़ाफ़रानी पुलओवर उसी का हिस्सा है 

कोई जो दूसरा पहने तो दूसरा ही लगे

महलों में हम ने कितने सितारे सजा दिए 

लेकिन ज़मीं से चाँद बहुत दूर हो गया 

 
  
 
पहचान अपनी हम ने मिटाई है इस तरह 

बच्चों में कोई बात हमारी न आएगी 

 
  
 
दिल उजड़ी हुई एक सराए की तरह है 

अब लोग यहाँ रात जगाने नहीं आते 

टैग: दिल
 
  
 
कमरे वीराँ आँगन ख़ाली फिर ये कैसी आवाज़ें 

शायद मेरे दिल की धड़कन चुनी है इन दीवारों में 

टैग: दिल
 
 
 
पीछे पीछे रात थी तारों का इक लश्कर लिए 

रेल की पटरी पे सूरज चल रहा था रात को

जिस को देखो मिरे माथे की तरफ़ देखता है 

दर्द होता है कहाँ और कहाँ रौशन है 

 
 
 
फूलों में ग़ज़ल रखना ये रात की रानी है 

इस में तिरी ज़ुल्फ़ों की बे-रब्त कहानी है 

 
  
 
ग़ज़लों ने वहीं ज़ुल्फ़ों के फैला दिए साए 

जिन राहों पे देखा है बहुत धूप कड़ी है 

 
 
 
यूँ तरस खा के न पूछो अहवाल 

तीर सीने पे लगा हो जैसे 

टैग: तीर
 
  
 
सुनाते हैं मुझे ख़्वाबों की दास्ताँ अक्सर 

कहानियों के पुर-असरार लब तुम्हारी तरह 

 
  
 
गुलाबों की तरह शबनम में अपना दिल भिगोतें हैं 

मोहब्बत करने वाले ख़ूबसूरत लोग होते हैं 

टैग: मोहब्बत

मैं चुप रहा तो और ग़लत-फ़हमियाँ बढ़ीं 

वो भी सुना है उस ने जो मैं ने कहा नहीं 

 
  
 
सुना के कोई कहानी हमें सुलाती थी 

दुआओं जैसी बड़े पान-दान की ख़ुशबू 

टैग: पान
 
  
 
सोचा नहीं अच्छा-बुरा देखा-सुना कुछ भी नहीं 

माँगा ख़ुदा से रात-दिन तेरे सिवा कुछ भी नहीं 

 
 
 
इक 'मीर' था सो आज भी काग़ज़ में क़ैद है 

हिन्दी ग़ज़ल का दूसरा अवतार मैं ही हूँ 

टैग: मीर तक़ी मीर

No comments:

Post a Comment