Wednesday, 12 July 2023

HASAN KAMAAL.. GHAZAL.. KISI NAZAR KO TERA INTEZAAR AAJ BHI HAI....

किसी नज़र को तेरा इंतज़ार आज भी हैं
कहां हो तुम कि ये दिल बेक़रार आज भी हैं

Even today some eyes are waiting for you. 
My heart is impatient and waiting for you. 

वो वादियाँ वो फिजायें कि हम मिले थे जहां
मेरी वफ़ा का वहीं पर मजार आज भी हैं

Those valleys and winds where we had  met. 
Epitaph of my loyalty is still dating for you. 

न जाने देख के उन को क्यों ये हुआ एहसास
कि मेरे दिल पे उन्हें इख़्तियार आज भी है

I know not why seeing you heart felt this way. 
My heart even today ,is  waiting for you. 

वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनिया
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी है

That love for which I have left this world. 
En route to loyalty, love is rating for you 

यकीं नहीं हैं मगर आज भी ये लगता है
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी है

I don't believe but even today it so appears. 
In our pursuit, spring is still. waiting for you. 

न पूछ कितने मोहब्बत के ज़ख्म खाए हैं
कि जिनको सोच के दिन सोगवार आज भी है

Don't ask me to count wounds I had in love.
In whose search heart is still rating for you. 

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