जो कभी अपना न था वो ग़ैर का कैसे हुआ
ख़ातिर ग़ज़नवी
How and why has it happened , there's a query in my heart?
One who could never be mine, how did he join rival's cart
कल बिछड़ना है तो फिर अहद-ए-वफ़ा सोच के बाँध
अभी आग़ाज़-ए-मोहब्बत है गया कुछ भी नहीं
अख़्तर शुमार
If you have to part tomorrow, think before tying loyalty knot.
It's only the start of love, you have neither
lost nor got.
ज़िंदगी तेरे हवादिस हम को
कुछ न कुछ राह पे ले आए हैं
जाँ निसार अख़्तर
O life! Mishaps by you.
've paved life for me too.
ग़म-ए-उम्र-ए-मुख़्तसर से अभी बेख़बर हैं कलियाँ
न चमन में फेंक देना किसी फूल को मसल कर
शकील बदायूनी
Buds aren't aware about grief of a life so short
Don't you throw in garden, crushed flowers in retort.
कभी यक-ब-यक तवज्जोह कभी दफ़अ'तन तग़ाफ़ुल
मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर
शकील बदायूनी
Sudden attention at times, indifference at others
Someone's testing me, changing face before others
तू कहानी ही के पर्दे में भली लगती है
ज़िंदगी तेरी हक़ीक़त नहीं देखी जाती
अख़्तर सईद ख़ान
On tale curtain, you look nice.
O life! Your truth can't entice.
करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला
की एक ही निगाह कि बस ख़ाक हो गए
मिर्ज़ा ग़ालिब
I tried to lament about her indifference.
One look was enough for lack of sustenance.
वो चाँद है तो अक्स भी पानी में आएगा
किरदार ख़ुद उभर के कहानी में आएगा
इक़बाल साजिद
If it's moon, in water it will reflect.
Character of the tale'll surely eject.
ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन
लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं
अब्बास ताबिश
This story of love doesn't perish.
Characters enacting these perish.
कब वो सुनता है कहानी मेरी
और फिर वो भी जुबानी मेरी
मिर्ज़ा ग़ालिब
My tale, he just doesn't hear.
And that too from me O dear!
वो कौन था वो कहाँ का था क्या हुआ था उसे
सुना है आज कोई शख्स मर गया यारो
शहरयार
Who was he, where from, what happened to him?
It's heard that some lifeline had gone dim.
ऐ ज़ुल्फ़-ए-यार तुझ से भी आशुफ़्ता-तर हूँ मैं
मुझ सा न कोई होगा परेशान-ए-रोज़गार
जोशिश अज़ीमाबादी
O beloved's tress! I am more distressed than you.
None will be more deranged in this business too.
जुदाइयों के ज़ख़्म ग़म-ए-ज़िन्दगी ने भर दिए
तुझे भी नींद आ गई मुझे भी सब्र आ गया
नासिर काज़मी
Wounds of partition were healed by griefs of life.
You have fallen asleep and I am consoled in strife.
इश्क़ में तहज़ीब के हैं और ही कुछ फ़लसफ़े
तुझ से हो कर के ख़फ़ा ख़ुद से ख़फ़ा रहने लगे
आलम ख़ुर्शीद
Philosophy is different about culture in love.
Anger with you angered me with self in love.
भूक में इश्क़ की तहज़ीब भी मर जाती है
चाँद आकाश पे थाली की तरह लगता है
शकील आज़मी
Hunger kills even the decency of love.
Moon looks like a plate in sky above
तहज़ीब के लिबास उतर जाएँगे जनाब
डॉलर में यूँ नचाएगी इक्कीसवीं सदी
बशीर बद्र
Cultural covers will get disrobed,gentle man !
Twenty first century will turn us around dollar O man.
फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था
वो मुझ से इंतिहाई ख़ुश ख़फ़ा होने से पहले था
अनवर शऊर
I was better than angels before being bad.
He was happy with me before angry 'd sad.
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
जाँ निसार अख़्तर
People tell, you are still angry with me.
In your eyes it's something else that I see.
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
अहमद फ़राज़
To how many, will I tell the causes** of rift.
You are angry with me, for world make shift.
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
अल्लामा इक़बाल
I know that I am not worth your look.
Look how I waited and trouble I took.
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता
मिर्ज़ा ग़ालिब
A meeting with the sweet heart! Well it was not so fated.
Had I lived any longer, waiting was to be slated.
उम्र-ए-दराज़ माँग के लाई थी चार दिन
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में
सीमाब अकबराबादी
I had begged for a long life of four days.
Two were lost in wish, two in waiting ways.
तुम आ गए हो तो कुछ चाँदनी सी बातें हों
ज़मीं पे चाँद कहाँ रोज़ रोज़ उतरता है
वसीम बरेलवी
With your arrival, let's talk like moonlight.
Moon doesn't alight on earth each night.
उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
इफ़्तिख़ार आरिफ़
It looked plain, in contrast with your face.
Moon was full in sky, but half to trace.
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे
निदा फ़ाज़ली
Let little child hands touch stars and moon.
Reading a few books, they 'll be like us soon.
शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है
गुलज़ार
Since evening, the eyes are a little wet
You are being missed in today's set.
दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Heart isn't hopeless, just unsuccessful at task.
Grief evening is long but only an evening to ask.
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए
बशीर बद्र
Let the glow of your memories be ever with me.
Who knows, which lane, marks the eve'of life?
कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई
तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया
जौन एलिया
How to say that you have anything to do with me?
Till today, you bave never lamented with me.
आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे
अहमद फ़राज़
Since one more year, she is missing from me
One whose presence, meant the world for me.
ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया
शकील बदायूनी
O love! I am weeping for your fate.
Today, Why have I wept on your state?
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
अल्लामा इक़बाल
Raise self esteem to a level that before writing fate.
God asks man himself, what wish you
want to state?
किस लिए देखती हो आईना
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो
जौन एलिया
Why should you look into mirror?
In beauty, with self you are better.
हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
मिर्ज़ा ग़ालिब
I know fully well, truth of heavenly fspell.
But to please the heart, it's good thought part.
जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है
जौन एलिया
One which I couldn't pass.
Was the life I had to pass.
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता
अकबर इलाहाबादी
I get a bad name even with a sigh.
She murders, without a comment, why?
कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
बशीर बद्र
Some compulsions must have been there
None is faithless for nothing in an affair.
न जी भर के देखा न कुछ बात की
बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की
बशीर बद्र
Neither I talked nor watched her well.
I had held a desire for meeting spell.
सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ
ख्वाजा मीर दर्द
Visit the world around, this life won't last.
Even if life is there, the youth won't last
अस्र-ए-नौ मुझ को निगाहों मैं छुपा कर रख ले
एक मिटती हुई तहज़ीब का सरमाया हूँ
अज़हर इमाम
Conceal me in your eyes O new effect.
Capital of a vanishing culture, I reflect.
हल्का था नदामत से सरमाया इबादत का
इक क़तरे में बह निकले तस्बीह के सौ दाने
आरज़ू लखनवी
The wealth of prayer was surely lighter than repentance.
A hundred beads of prayer were swept in a tear of repentance.
फिर जो देखा तो वहाँ कुछ भी नहीं था मौजूद
हम तो बस आँख झपकने के गुनहगार हुए
शहज़ाद अहमद
Then when I saw, nothing was left.
I have a part of blinking in the theft.
करें क्या ये बला अपने लिए ख़ुद मुंतख़ब की है
गिला बाक़ी रहा लेकिन शिकायत छोड़ दी हम ने
शहज़ाद अहमद
I have designed for myself, this trouble too!
Laments exist, comments I 've left for you
उलझ पड़ते अगर तो हम में तुम में फ़र्क़ क्या रहता
यही दीवार बाक़ी थी सलामत छोड़ दी हम ने
If involved in a tussle, how 'd I differ from you.
This was the partition left, I' ve kept it for you.
खटमल का वो हुजूम था जागे शब-ए-विसाल
ख़ूँ चूसने वालों को दीं हम ने दुआएँ सहर
रवि मौन
So many bedbugs kept us awake whole night.
We blessed blood suckers spending the night.
हम को ये फ़िक्र कि दिल मुफ़्त गया हाथों से
उन को ये नाज़ कि हम ने इसे छीना कैसा
नूह नारवी
I was worried having lost for nothing, my heart
She holds grace, with what ease she upset cart.
मोहब्बत ना-समझ होती है समझाना ज़रूरी है
जो दिल में है उसे आँखों से कहलाना ज़रूरी है
वसीम बरेलवी
Love is foolish, needs be told about, a lot.
What heart holds dear, must by eyes be taught.
थके-हारे परिंदे जब बसेरे के लिए लौटें
सलीक़ा-मंद शाख़ों का लचक जाना ज़रूरी है
When exhausted birds get back to the tree..
Good mannered branches need gently bend a lot.
बहुत बेबाक आँखों में त'अल्लुक़ टिक नहीं पाता
मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना ज़रूरी है
Very daring looks don't hold relationships dear.
It's essential to feel shy to keep charm in love knot.
मिरे होंटों पे अपनी प्यास रख दो और फिर सोचो
कि इस के बा'द भी दुनिया में कुछ पाना ज़रूरी है
Place your thirst on my lips and then think.
What needs be had in the world after this lot.
।।
!! कजुदाइयों की ये रातें तो काटनी होंगी
कहानियों को कोई कैसे मुख़्तसर कर दे
वसीम बरेलवी
These nights of departure will have to be spent.
How can tales be shortened yet convey what is meant.
समझ रहा हो कहीं ख़ुद को मेरी कमज़ोरी
तो उस से कह दो मुझे भूलना भी आता है
वसीम बरेलवी
If he considers himself as weakness on my part.
Let it be told that I can forget 'n upset the cart.
वो ख़्वाब थे जिन्हें हम मिल के देख सकते थे
ये बार-ए-ज़ीस्त है तन्हा उठाना पड़ता है
वसीम बरेलवी
Those were dreams which we could jointly atone.
This is burden of life, needs be carried alone.
दी शब-ए-वस्ल मोअज़्ज़िन ने अज़ाँ पिछली रात
हाए कम-बख़्त को किस वक़्त ख़ुदा याद आया
दाग़ देहलवी
On first meeting night, cleric called for prayer early morning hour.
O the Ill fated remembered God at that time with such power.
इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ
मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है
मुस्तफ़ा ज़ैदी
Come wobbling on each stone, if you can on your own.
On to my home way, no galaxy lights would stray.
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से
साहिर लुधियानवी
I have observed life from so near
All faces appear strange O dear!
कुछ इस तरह से गुज़ारी है ज़िंदगी जैसे
तमाम उम्र किसी दूसरे के घर में रहा
अहमद फ़राज़
I have spent life in this way.
In otherone's house did I stay.
उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया
देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया
मीर तक़ी मीर
All attempts were a waste, drugs didn't work in haste.
Now you could also see, this heart disease finished me.
उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है
मिर्ज़ा ग़ालिब
When she is near face, there's glow in each trace.
While she concludes such, patient is well so much.
दिल टूटने से थोड़ी सी तकलीफ़ तो हुई
लेकिन तमाम उम्र को आराम हो गया
अज्ञात
The breaking of heart, upset relief cart.
But it's lifetime relief, for the age so brief.
वो आ रहे हैं सँभल सँभल कर नज़ारा बे-ख़ुद फ़ज़ा जवाँ है
झुकी झुकी हैं नशीली आँखें रुका रुका दौर-ए-आसमाँ है
मजरूह सुल्तानपुरी
She is stepping ahead with care, view is senseless, air young 'n bare.
Intoxicated eyes are drooping down, the realm of skies halted then' n there.
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ नहीं खुलतीं
परवीन शाकिर
Understanding beauty needs life time dear.
Likes of little while, don't show girls clear.
हस्ती का नज़ारा क्या कहिए मरता है कोई जीता है कोई
जैसे कि दिवाली हो कि दिया जलता जाए बुझता जाए
नुशूर वाहिदी
What to talk about spectacle of being, some die others keep living.
Whether it is festival of lights or lamp, some burn, some get put out stamp.
मैं रहा उम्र भर जुदा ख़ुद से
याद मैं ख़ुद को उम्र भर आया
जौन एलिया
I remained separate from self lifetime.
I was reminded of myself lifetime.
आइना देख कर तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई
गुलज़ार
Looking at mirror granted me relief.
Someone recognizes me in this fief.
A
ऐ मौज-ए-बला उन को भी ज़रा दो चार थपेड़े हल्के से
कुछ लोग अभी तक साहिल से तूफ़ाँ का नज़ारा करते हैं
मुइन अहसन जज़्बी
O powerful wave, give gentle shave to those who still see.
The people on shore, who still ignore, beauty of storm, just see.
कौन इस घर की देख-भाल करे
रोज़ इक चीज़ टूट जाती है
जौन एलिया
About this house, who can care.
Daily something breaks there.
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है
सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है
जिगर मुरादाबादी
So little is the tale, about this love word gale
Condensed is lover's heart, extending covers world part.
काबा किस मुँह से जाओगे 'ग़ालिब'
शर्म तुम को मगर नहीं आती
ग़ालिब
'Ghalib'! How will you to Kaaba go?
But never any shame did you show.
नज़र-नवाज़ नज़ारा बदल न जाए कहीं
ज़रा सी बात है मुँह से निकल न जाए कहीं
दुष्यंत कुमार
Eye pleasing spectacle might just not change.
It's a small talk, let not be out of mouth
range.
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
अहमद फ़राज़
To how many will I tell, the reason to part.
You are angry with me, come for social part.
हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं
हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं
जिगर मुरादाबादी
Erasing me, well world hasn't that power.
World itself is from me, not me from it's tower
लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से
तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से
जाँ निसार अख़्तर
People say that you are still angry with me.
But your eyes say something else to me.
बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे
निदा फ़ाज़ली
Let the little children hands touch stars ' n moon.
Reading a few books, they will be like us soon.
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
परवीन शाकिर
How to say that he has left me alone.?
Though it's true but in an infamy zone.
ज़िंदगी तो अपनी है लुट गई तो फिर क्या ग़म
ग़म तिरी अमानत है छिन गई तो क्या होगा
सूफ़ी तबस्सुम
Life is my own, if it is lost,I won't moan
Grief is your deposit, what if that 's gone.
सुन चुके जब हाल मेरा ले के अंगड़ाई कहा।
किस ग़ज़ब का दर्द ज़ालिम तेरे अफ़साने में था
शाद अज़ीमाबादी
Twisting her torso, she said listening to my state.
How awesome was the hurt in your story O mate?
मुझे गिरना है तो मैं अपने ही क़दमों पे गिरूँ
जिस तरह साया_ए-दीवार पे दीवार गिरे
शकेब जलाली
let it be on my feet,if I have to fall.
Just as a wall falls on shade of wall.
कल थके हारे परिंदों ने नसीहत दी मुझे
शाम ढल जाए तो 'मोहसिन' तुम भी घर जाया करो
मोहसिन नक़्वी
Yesterday the tired birds advised me to do so.
When evening befalls 'Mohsin', you too to home, go.
शहर वालों की मुहब्बत का हूँ क़ायल मैं मगर
मैंने जिस हाथ को चूमा वही खंजर निकला
अहमद फराज
I am convinced of the love of city folk.
Hand that I kissed, had dagger in stock.
तमाम उम्र इसी एहतियात में गुज़री
कि आशियाँ किसी शाख़-ए-चमन पे बार न हो
मीर अनीस
My entire life was spent in this care.
My nest shouldn't be weight on twig to bear.
चाहता हूँ फूँक दूँ इस शहर को
शहर में इन का भी घर है क्या करूँ
कैफ़ भोपाली
I want to burn this city as such.
But her home is here very much.
पाँव में ज़ंजीर काँटे आबले
और फिर हुक्म-ए-सफ़र है क्या करूँ
कैफ़ भोपाली
There are chains, thorns, blisters in feet.
But there's an order to march, on sheet.
ज़ब्त करता हूँ तो घुटता है क़फ़स में मिरा दम
आह करता हूँ तो सय्याद ख़फ़ा होता है
क़मर जलालवी
In prison, it stifles breath,if I restrain.
If I sigh, captor's anger resumes again.
एक ऐसी भी तजल्ली आज मय-ख़ाने में है
लुत्फ़ पीने में नहीं है बल्कि खो जाने में है
असग़र गोंडवी
In tavern, today, is a glow of this sort as well.
Joy isn't in drinking, but getting lost in spell.
कभी हम को यक़ीं था ज़ोम था दुनिया हमारी जो मुख़ालिफ़ हो तो हो जाए मगर तुम मेहरबाँ हो
हमें ये बात वैसे याद तो अब क्या है लेकिन हाँ इसे यकसर भुलाने में अभी कुछ दिन लगेंगे
जावेद अख्तर
Once i was proud and sure, let it be even if world goes against, but you will be kind.
I don't remember it now so well but it will take days to forget it all together from mind.
ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का 'फ़राज़'
ज़ालिम अब के भी न रोएगा तो मर जाएगा
अहमद फ़राज़
O 'Faraz' restraint is a must, but grief is so intense.
If you don't cry even now, you will be past tense.
ग़रज़ कि काट दिए ज़िन्दगी के दिन ऐ दोस्त
वो तिरी याद में हों या तुझे भुलाने में
फ़िराक़ गोरखपुरी
I have spent the days of life O friend this way.
Whether it was to remember or forget any day
न अपने ज़ब्त को रुस्वा करो सता के मुझे
ख़ुदा के वास्ते देखो न मुस्कुरा के मुझे
बिस्मिल अज़ीमाबादी
Don't disgrace your restrain, by torturing me again.
For God's sake, don't smile and look at me all the while.
नहीं शिकवा मुझे कुछ बे-वफ़ाई से तेरी हरगिज़।
गिला तब हो अगर तूने किसी से भी निभाई हो
ख्वाजा मीर दर्द
Never do I lament , for your disloyal intent.
I 'd have felt bad, if good relation with others you had.
न जाने कौन सा आसेब दिल में बसता है
कि जो भी ठहरा वो आख़िर मकान छोड़ गया
परवीन शाकिर
I know not what ill spirit is a resident of heart.
Whoever stayed here has finally left this
part.
गर सिला दोगे मुझे मेरी वफ़ाओं के एवज़
माँग लूँगा तुम्हें इनआ'म में क्या रखा है
ग़ौस ख्वाह - म-ख्वाह हैदराबादी
If you ever pay me for my loyalties O dear!
Not a thing, but I will ask for you my dear!
छेड़ती रहती हैं अक्सर लब-ओ-रुख़सारों को
तुम ने ज़ुल्फ़ों को बहुत सर पे चढ़ा रखा है
It's often seen teasing your lips and cheeks.
This tress is mounting on your head O dear !
तू रोज़ जिस के तजस्सुस में आ रहा है यहाँ
हज़ार बार बताया है वो नहीं हूँ में
अफ़ज़ल ख़ान
In whose search you come here every day to see
I 've told you a thousand times, that he isn't me.
इन में लहू जला हो हमारा कि जान - ओ-दिल
महफ़िल में कुछ चराग़ फ़रोज़ां हुए तो हैं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
Whether my blood or life got burnt in it?
Some lamps in the gathering have got alit.
बोसा होठों का मिल गया किस को
दिल में कुछ आज दर्द मीठा है
मुनीर शिकोहाबादी
Who has got kiss of her lips apart?
There's a sweet ache in my heart.
मैं तुझ से साथ भी तो उम्र भर का चाहता था
सो अब तुझ से गिला भी उम्र भर का हो गया है
इरफ़ान सत्तार
I had wished your company of a lifetime.
So I have also got lament of a lifetime
अब किसी से भी शिकायत न रही
जाने किस किस से गिला था पहले
निदा फ़ाज़ली
Now towards none is a lamentous approach.
I know not with how many, I had reproach?
गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी
वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह
बासिर सुल्तान काज़मी
I have a lot of love for you and lots of lament.
That's a one thing and it's another content.
एक दिन कह लीजिए जो कुछ है दिल में आप के
एक दिन सुन लीजिए जो कुछ हमारे दिल में है
जोश मलीहाबादी
Say what is in your heart one day.
Listen what's in my heart one day.
Sir ji , a facet of your intellect was unknown to us when you were amidst us in Raniganj. Now that you are away, i enjoy your writings. God bless you Sir.
ReplyDeleteHari Om.