उठो ये मंज़र-ए-शब-ताब देखने के लिए
कि नींद शर्त नहीं ख़्वाब देखने के लिए
Get up to watch the delight of night.
Sleep is not a must for dream might.
बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है
उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है
Running blood hurts like a whip or so.
Embracing her had been so long ago.
होशियारी दिल-ए-नादान बहुत करता है
रंज कम सहता है एलान बहुत करता है
To be clever, attempts my innocent heart.
Bears little grief but announces a big part.
रात को जीत तो पाता नहीं लेकिन ये चराग़
कम से कम रात का नुक़सान बहुत करता है
Though the lamp can't win over night.
At least it hurts night a lot on it's cart
तुम परिंदों से ज़ियादा तो नहीं हो आज़ाद
शाम होने को है अब घर की तरफ़ लौट चलो
Your freedom isn't more than the birds.
Evening is near, now move homewards.
बदन के दोनों किनारों से जल रहा हूँ मैं
कि छू रहा हूँ तुझे और पिघल रहा हूँ मैं
I am burning from both the body ends.
I touch you 'n melt making ammends.
सर अगर सर है तो नेज़ों से शिकायत कैसी
दिल अगर दिल है तो दरिया से बड़ा होना है
If there is head, why for lancets lament?
Heart needs be larger than river extent.
जो कुछ हुआ वो कैसे हुआ जानता हूँ मैं
जो कुछ नहीं हुआ वो बता क्यूँ नहीं हुआ
I know how it's happened deed by deed.
Why it didn't happen, tell that indeed.
अजब हरीफ़ था मेरे ही साथ डूब गया
मिरे सफ़ीने को ग़र्क़ाब देखने के लिए
Strange was the rival, who drowned with me
To watch my ship sink, he drowned with me.
हमें तो ख़ैर बिखरना ही था कभी न कभी
हवा-ए-ताज़ा का झोंका बहाना हो गया है
I had to scatter, one day or the other.
A fresh wind gust, is an excuse just.
सरहदें अच्छी कि सरहद पे न रुकना अच्छा
सोचिए आदमी अच्छा कि परिंदा अच्छा
Whether boundaries are good or not staying there ?
Whether man is good or the bird crossing it there?
रेत पर थक के गिरा हूँ तो हवा पूछती है
आप इस दश्त में क्यूँ आए थे वहशत के बग़ैर
Falling exhausted on sand, asks the wind blind?
Why did you enter desert, without frenetic mind?
अपने किस काम में लाएगा बताता भी नहीं
हम को औरों पे गँवाना भी नहीं चाहता है
He doesn't even tell, how will he use me so well?
But he doesn't desire, losing me to another empire.
मैं चाहता हूँ यहीं सारे फ़ैसले हो जाएँ
कि इस के ब'अद ये दुनिया कहाँ से लाऊँगा मैं
I surely desire, for decisions here entire.
Where from will I get, this world that I met?
रूह को रूह से मिलने नहीं देता है बदन
ख़ैर ये बीच की दीवार गिरा चाहती है
Body doesn't allow the souls to meet.
By the way, about to fall is this sheet.
शोला-ए-इश्क़ बुझाना भी नहीं चाहता है
वो मगर ख़ुद को जलाना भी नहीं चाहता है
He doesn't want to extinguish embers of love.
But doesn't want to set himself to fire above.
हम ने देखा ही था दुनिया को अभी उस के बग़ैर
लीजिए बीच में फिर दीदा-ए-तर आ गए हैं
I had just seen the world without her dear.
In between has appeared my eyes with tear.
कहा था तुम ने कि लाता है कौन इश्क़ की ताब
सो हम जवाब तुम्हारे सवाल ही के तो हैं
You had said who could bear love toll ?
See I am an answer to your question roll.
हमारे दिल को इक आज़ार है ऐसा नहीं लगता
कि हम दफ़्तर भी जाते हैं ग़ज़ल-ख़्वानी भी करते हैं
It isn't that my heart is under impish control.
I compose poems 'n also perform office toll.
मगर गिरफ़्त में आता नहीं बदन उस का
ख़याल ढूँढता रहता है इस्तिआरा कोई
But in my control her body comes not.
In search of a metaphor is the thought.
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