Saturday, 26 August 2023

HAFIIZ JALANDHARII... GHAZAL... DOSTI KA CHALAN RAHAA HI NAHIIN

दोस्ती का चलन रहा ही नहीं 
अब ज़माने की वो हवा ही नहीं 

Friendship is not in trend. 
World wind isn't this blend

सच तो ये है सनम-कदे वालो 
दिल ख़ुदा ने तुम्हें दिया ही नहीं 

Truth is O temple men ! 
Heart isn't in your blend

पलट आने से हो गया साबित 
नामा-बर तू वहाँ गया ही नहीं 

You are back, it proves. 

हाल ये है कि हम ग़रीबों का 
हाल तुम ने कभी सुना ही नहीं 

क्या चले ज़ोर दश्त-ए-वहशत का 
हम ने दामन कभी सिया ही नहीं 

ग़ैर भी एक दिन मरेंगे ज़रूर 
उन के हिस्से में क्या क़ज़ा ही नहीं 

उस की सूरत को देखता हूँ मैं 
मेरी सीरत वो देखता ही नहीं 

इश्क़ मेरा है शहर में मशहूर 
और तुम ने अभी सुना ही नहीं 

क़िस्सा-ए-क़ैस सुन के फ़रमाया 
झूट की कोई इंतिहा ही नहीं 

वास्ता किस का दें 'हफ़ीज़' उन को 
उन बुतों का कोई ख़ुदा ही नहीं 


    

Monday, 21 August 2023

RAJENDRA KRISHNA... GHAZAL... KISI KI YAAD MEN DUNIYA KO HAIN BHULAYE HUE...

किसी की याद में दुनिया को हैं भुलाए हुए 
ज़माना गुज़रा है अपना ख़याल आए हुए 

I have forgotten the world in memory of someone. 
Lot of time has passed remembering myself as one

बड़ी अजीब ख़ुशी है ग़म-ए-मोहब्बत भी 
हँसी लबों पे मगर दिल पे चोट खाए हुए 

A strange pleasure is there in griefs of love. 
There's smile on lips, but heart is bruised and done. 

हज़ार पर्दे हों पहरे हों या हों दीवारें 
रहेंगे मेरी नज़र में तो वो समाए हुए 

A thousand curtains, guards or walls maybe there. 
She will always remain in my eyes as the one. 

किसी के हुस्न की बस इक किरन ही काफ़ी है 
ये लोग क्यूँ मिरे आगे हैं शम्अ' लाए हुए

Why have people brought a lamp before me ? 
One ray is enough if it's from beauty of the one. 

Saturday, 19 August 2023

श्री गणेशजी की आराधना... श्रीगणेशपुराण. ... शेषनाग द्वारा स्तुति

शेष उवाच
अनादिनिधनं देवं वन्देऽहं गणनायकं।। 
सर्व व्यापिनमीशानं जगत्कारणकारणम्।
सर्वस्वरूपं विश्वेशं विश्ववन्द्यं नमाम्यहम्।। 
गजाननं गणाध्यक्ष गरुडेशस्तुतं विभुम्। 
गुणाधीशं गुणातीतं गणाधीशं नमाम्यहम्।।
विद्यानामधिपं देवं देवदेवं सुरप्रियम्।
सिद्धिबुद्धिप्रियं सर्वसिद्धिदं भुक्तिमुक्तिदम्।। 
सर्वविघ्नहरं देवं नमामि गणनायकम्।

शेषजी बोले....

आदि अन्त से रहित जो गणनायक भगवान्।
करूँ वन्दना आप की सर्वव्याप्त ईशान।। 

जग के कारण के कारण हैं, जग के स्वामी आप।
वन्दित हैं सम्पूर्ण विश्व से, नमन करूँ, कर जाप।। 

गणाध्यक्ष हैं, हरिवन्दित हैं, सभी गुणों के स्वामी।
गुणातीत हैं, हे गणपति, सब विद्याओं के स्वामी।।

देवों के भी देव, देवताओं के अतिप्रिय नाथ। 
सभी सिद्धियाँ देने वाले, सिद्धि बुद्धि के नाथ।। 

विघ्नविनाशी, भुक्ति, मुक्ति को करते आप प्रदान। 
नमन करूँ मैं हे गणनायक, हे गणेश भगवान्।। 

हिन्दी पद्यानुवाद.... रवि मौन 

Friday, 18 August 2023

PURNAM ILAHABADI.. GHAZAL. ARZOO, HASRAT, TAMANNA, MUDDAA KOI NAHIN..

आरज़ू, हसरत, तमन्ना, मुद्दआ' कोई नहीं 
जब से तुम हो मेरे दिल में, दूसरा कोई नहीं 

No wish, desire, longing for to abide. 
With you in my heart, other can't reside.

बे-वफ़ाई का मुझे तुझ से गिला कोई नहीं 
प्यार तो मैं ने किया तेरी ख़ता कोई नहीं 

For your disloyalty, I do not complain. 
It was I who loved, no fault from you side

चाहने वाला हूँ तेरा जब कभी मैं ने कहा 
कह दिया उस बेवफ़ा ने तू मिरा कोई नहीं 

Whenever I have told her, that I love you.
That faithless said, you are not my ride. 

मैं ने जब से दिल लगाया वो न मेरा हो सका 
इस से बढ़ कर दिल लगाने की सज़ा कोई नहीं 

When I set heart on her, she wasn't mine. 
No punishment can be bigger in stride. 

ख़ूब है वो ज़िंदगी जो साथ गुज़रे यार के 
यार बिन उल्फ़त में जीने का मज़ा कोई नहीं 

The life passed with lover is worth it. 
Without her there's no pleasure love side. 

रूह की तस्कीन का चारा नहीं है मौत भी 
दर्द ऐसा है मिरा जिस की दवा कोई नहीं 

Even death does not console the soul. 
My pain is such, no drug can subside. 

अजनबी हूँ मैं शनासाओं में भी रहते हुए 
जानता कोई नहीं पहचानता कोई नहीं 

Even living with relatives, I am a stranger. 
None recognizes or knows me to decide. 

काम कुछ तेरे भी होते तेरी मर्ज़ी के ख़िलाफ़ 
हाँ मगर मेरे ख़ुदा तेरा ख़ुदा कोई नहीं 

Some of your works 'd be against your wish. 
But O God, there's no God as your guide! 

बढ़ के तूफ़ाँ में सहारा मौज-ए-तूफ़ाँ क्यों न दे 
मेरी कश्ती का ख़ुदा है नाख़ुदा कोई नहीं

Why shouldn't waves support me in storm ? 
A God's for my ship, but no boatsman to guide

जुस्तुजू कामिल है तो मंज़िल का मिलना शर्त है 
जुस्तुजू से बढ़ के 'पुरनम' रहनुमा कोई नहीं

With expert search, you shall attain goal.
O 'Purnam'! Surely, search is the best guide. 

Wednesday, 16 August 2023

Wednesday, 9 August 2023

AGHA HASHR KASHMIRI.. . GHAZAL. HAAN SAQI-E-MASTANA BHAR DE MIRA PAIMANA.....

हाँ साक़ी-ए-मस्ताना भर दे मिरा पैमाना 
घनघोर घटा है या उड़ता हुआ मय-ख़ाना 

Well O intoxicated wine girl! Fill my cup of wine. 
Is it dense dark clouds or tavern on cloud
 nine? 

होती हैं शब-ए-ग़म में यूँ दिल से मिरी बातें 
जिस तरह से समझाए दीवाने को दीवाना 

In the grief struck night, I talk with the heart. 
As if a fanatic explains, what's frenzy line? 

क्या तुम ने कहा दिल से क्या दिल ने कहा हम से 
बैठो तो सुनाएँ हम इक रोज़ ये अफ़्साना 

What you told the heart, what it told to me? 
You can sit 'n listen, one day this tale of mine. 

ग़ुस्से में जो दी गाली मुँह चूम लिया मैं ने 
ज़ालिम ने कहा ये क्या मैं ने कहा जुर्माना 

When she abused in anger, I just kissed her mouth. 
When  asked me about that , I said it is fine. 

मुतरिब से ये कहता था 'हश्र' अपनी ग़ज़ल सुन कर 
है मेरी जवानी का भूला हुआ अफ़्साना

Listening to his ghazal, 'Hashr' told the singer
It's one of forgotten tales of youth of mine. 

Tuesday, 8 August 2023

TALIB BAGHPATI.. GHAZAL.. YUUN BHI TERA AHSAAN HAI JAANE KE LIYE AA.....

यूँ भी तिरा एहसान है आने के लिए आ 
ऐ दोस्त किसी रोज़ न जाने के लिए आ 

It's your blessing, for coming you come. 
Someday, not to go back, you come O chum

हर-चंद नहीं शौक़ को यारा-ए-तमाशा 
ख़ुद को न सही मुझ को दिखाने के लिए आ 

It's no daily affair, show courage to witness. 
Not to show it to self, to show the you come 

ये उम्र, ये बरसात, ये भीगी हुइ रातें 
इन रातों को अफ़्साना बनाने के लिए आ 

This age, these rains and very wet nights. 
To make a tale of these nights, you come. 

जैसे तुझे आते हैं न आने के बहाने 
ऐसे ही बहाने से न जाने के लिए आ 

As you make excuses not to come 'n meet. 
Make an excuse not to be back and come. 

माना कि मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत 
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ 

I agree that concealing love is also love. 
Silently one day,  to tell it, you come 

तक़दीर भी मजबूर है, तदबीर भी मजबूर 
इस कोहना अक़ीदे को मिटाने के लिए आ 

 Both fate and effort are compelled. 
To remove this old belief you come. 

आरिज़ पे शफ़क़, दामन-ए-मिज़्गाँ में सितारे 
यूँ इश्क़ की तौक़ीर बढ़ाने के लिए आ 

Twilight on cheeks, stars on eyelashes. 
To increase the regard of love , you come. 

'तालिब' को ये क्या इल्म, करम है कि सितम है 
जाने के लिए रूठ, मनाने के लिए आ

How'd 'Talib' knów about torture or care?
Get angry to 'part, then to coax you come. 

Friday, 4 August 2023

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL.. DUUR RAH KAR N KARO BAAT QARIIB AA JAO

दूर रह कर न करो बात क़रीब आ जाओ 

याद रह जाएगी ये रात क़रीब आ जाओ 

एक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छूने की 

आज बस में नहीं जज़्बात क़रीब आ जाओ 

सर्द झोंकों से भड़कते हैं बदन में शो'ले 

जान ले लेगी ये बरसात क़रीब आ जाओ 

इस क़दर हम से झिजकने की ज़रूरत क्या है 

ज़िंदगी भर का है अब साथ क़रीब आ जाओ

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL.. N TU ZAMIN KE LIYE HAI N AASMAN KE LIYE

न तू ज़मीं के लिए है न आसमाँ के लिए 

तिरा वजूद है अब सिर्फ़ दास्ताँ के लिए 

पलट के सू-ए-चमन देखने से क्या होगा 

वो शाख़ ही न रही जो थी आशियाँ के लिए 

ग़रज़-परस्त जहाँ में वफ़ा तलाश न कर 

ये शय बनी थी किसी दूसरे जहाँ के लिए

MIRZA GHALIB.. GHAZAL.. NUKTA-CHIIN HAI GHAM-E-DIL US KO SUNAYE N BANE ......

नुक्ता-चीं है ग़म-ए-दिल उस को सुनाए न बने 

क्या बने बात जहाँ बात बनाए न बने 

मैं बुलाता तो हूँ उस को मगर ऐ जज़्बा-ए-दिल 

उस पे बन जाए कुछ ऐसी कि बिन आए न बने 

खेल समझा है कहीं छोड़ न दे भूल न जाए 

काश यूँ भी हो कि बिन मेरे सताए न बने 

ग़ैर फिरता है लिए यूँ तिरे ख़त को कि अगर 

कोई पूछे कि ये क्या है तो छुपाए न बने 

इस नज़ाकत का बुरा हो वो भले हैं तो क्या 

हाथ आवें तो उन्हें हाथ लगाए न बने 

कह सके कौन कि ये जल्वागरी किस की है 

पर्दा छोड़ा है वो उस ने कि उठाए न बने 

मौत की राह न देखूँ कि बिन आए न रहे 

तुम को चाहूँ कि न आओ तो बुलाए न बने 

बोझ वो सर से गिरा है कि उठाए न उठे 

काम वो आन पड़ा है कि बनाए न बने 

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब' 

कि लगाए न लगे और बुझाए न बने

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL. MEIN ZINDAGI KA SATH NIBHATA CHALA GAYA...

मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया 

हर फ़िक्र को धुएँ में उड़ाता चला गया 

बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था 

बर्बादियों का जश्न मनाता चला गया 

जो मिल गया उसी को मुक़द्दर समझ लिया 

जो खो गया मैं उस को भुलाता चला गया 

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ 

मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया

SAHIR LUDHIYANVI. GHAZAL.. KABHI KHUD PE KABHI HAALAAT PE RONA AAYA...

कभी ख़ुद पे कभी हालात पे रोना आया 

बात निकली तो हर इक बात पे रोना आया 

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को 

क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया 

किस लिए जीते हैं हम किस के लिए जीते हैं 

बारहा ऐसे सवालात पे रोना आया 

कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त 

सब को अपनी ही किसी बात पे रोना आया

Thursday, 3 August 2023

GHAM-E-AASHIQI SE KAH DO RAH-E-AAM TAK N PAHUNCHE.. GHAZAL.. SHAKEEL BADAYUNI.......

ग़म-ए-आशिक़ी से कह दो रह-ए-आम तक न पहुँचे 
मुझे ख़ौफ़ है ये तोहमत तिरे नाम तक न पहुँचे blame

मैं नज़र से पी रहा था तो ये दिल ने बद-दुआ दी 
तिरा हाथ ज़िंदगी भर कभी जाम तक न पहुँचे 
Weak voice 
वो नवा-ए-मुज़्महिल क्या न हो जिस में दिल की धड़कन 
वो सदा-ए-अहल-ए-दिल क्या जो अवाम तक न पहुँचे 
Sound of people with heart
मिरे ताइर-ए-नफ़स को नहीं बाग़बाँ से रंजिश bird of spirit
मिले घर में आब-ओ-दाना तो ये दाम तक न पहुँचे 

नई सुब्ह पर नज़र है मगर आह ये भी डर है 
ये सहर भी रफ़्ता रफ़्ता कहीं शाम तक न पहुँचे 
Air of carelessness 
ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक 
मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे 

जो नक़ाब-ए-रुख़ उठा दी तो ये क़ैद भी लगा दी 
उठे हर निगाह लेकिन कोई बाम तक न पहुँचे 

उन्हें अपने दिल की ख़बरें मिरे दिल से मिल रही हैं 
मैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे 

वही इक ख़मोश नग़्मा है 'शकील' जान-ए-हस्ती 
जो ज़बान पर न आए जो कलाम तक न पहुँचे

Wednesday, 2 August 2023

SHAHZAAD AHMAD.. GHAZAL.. RAAT KI NEENDEN TO PAHLE HI CHURAA KAR LE GAYAA.....

रात की नींदें तो पहले ही उड़ा कर ले गया 
रह गई थी आरज़ू सो वो भी आ कर ले गया 

He had snatched from the eyes, my sleep. 
Desires were left, he took it also for keep. 

दिन निकलते ही वो ख़्वाबों के जज़ीरे क्या हुए 
सुब्ह का सूरज मिरी आँखें चुरा कर ले गया 

What happened to islands of dream with morn'? 
Morning sun stole my eyes from the deep.. 

दूर से देखो तो ये दरिया है पानी की लकीर 
मौज में आया तो जंगल भी बहा कर ले गया 

If viewsd from a distance, stream is a water line. 
In frenzy, it carried away the jungle so deep. 

उस ने तो इन मोतियों पर ख़ाक भी डाली नहीं 
आँख की थाली में दिल आँसू सजा कर ले गया 

He didn't even sprinkle dust on these pearls. 
In the eye plate, heart assorted tears for keep. 

ग़ौर से देखा तो दिल की ख़ाक तक बाक़ी न थी 
मुझ को दा'वा था कि मैं सब कुछ बचा कर ले गया

When I saw, not a trace of heart was there.
I held the notion that all was within my keep.