Thursday, 30 November 2023

FAANI BADAYUNI.. GHAZAL..

दुनिया मेरी बला जाने महँगी है या सस्ती है 

मौत मिले तो मुफ़्त न लूँ हस्ती की क्या हस्ती है 

आबादी भी देखी है वीराने भी देखे हैं 

जो उजड़े और फिर न बसे दिल वो निराली बस्ती है 

ख़ुद जो न होने का हो अदम क्या उसे होना कहते हैं 

नीस्त न हो तो हस्त नहीं ये हस्ती क्या हस्ती है 
Ruined. Life. Existence 
इज्ज़-ए-गुनाह के दम तक हैं इस्मत-ए-कामिल के जल्वे 
Modesty of sin. Complete chastity 

पस्ती है तो बुलंदी है राज़-ए-बुलंदी पस्ती है 
Lower level/ downfall/secret of rise

जान सी शय बिक जाती है एक नज़र के बदले में 
आगे मर्ज़ी गाहक की इन दामों तो सस्ती है 

A thing like life is sold in exchange of a glimpse. 
Sweet will of the customer, it's cheap at 
this price. 

वहशत-ए-दिल से फिरना है अपने ख़ुदा से फिर जाना 

दीवाने ये होश नहीं ये तो होश-परस्ती है 

जग सूना है तेरे बग़ैर आँखों का क्या हाल हुआ 

जब भी दुनिया बस्ती थी अब भी दुनिया बस्ती है 

आँसू थे सो ख़ुश्क हुए जी है कि उमडा आता है 

दिल पे घटा सी छाई है खुलती है न बरसती है 

दिल का उजड़ना सहल सही बसना सहल नहीं ज़ालिम 

बस्ती बसना खेल नहीं बसते बसते बस्ती है 

'फ़ानी' जिस में आँसू क्या दिल के लहू का काल न था 

हाए वो आँख अब पानी की दो बूँदों को तरसती है

Saturday, 11 November 2023

RAAHAT INDAURI। GHAZAL। ROZ TAARON KO NUMAAISH MEN KHALAL PADTAA HAI

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है 
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है 

There's disturbance in star exhibition every day. 
The moon is lunatic ,goes on  night every 
day. 

एक दीवाना मुसाफ़िर है मिरी आँखों में 
वक़्त-बे-वक़्त ठहर जाता है चल पड़ता है 

There's a frenzied traveller in my eyes. 
All of a sudden stops and moves every day. 

अपनी ताबीर के चक्कर में मिरा जागता ख़्वाब 
रोज़ सूरज की तरह घर से निकल पड़ता है 

My live dream ,in an attempt to know worth. 
Leaves home just like the sun every day. 

रोज़ पत्थर की हिमायत में ग़ज़ल लिखते हैं 
रोज़ शीशों से कोई काम निकल पड़ता है

Daily I compose ghazal in support of stone.
Something of worth is from glasses every day. 

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो 
धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

Her memory has arrived, go slow O breaths !
Even heart throbs disturb prayers in a way. 

Friday, 10 November 2023

SAQIB LAKHNAVI ..... CHOSEN COUPLETS

ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था 
हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते 

The world was listening to it in style. 
I slept while telling the tale in a while. 
  
बाग़बाँ ने आग दी जब आशियाने को मिरे 
जिन पे तकिया था वही पत्ते हवा देने लगे 

When the gardener set my nest on fire. 
 The leaves i relied on, fanned the ire. 
    
आधी से ज़ियादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ 
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है 

 I have finished more than half of grief night.
If you come even now, it's enough of night. 
   
मुट्ठियों में ख़ाक ले कर दोस्त आए वक़्त-ए-दफ़्न 
ज़िंदगी भर की मोहब्बत का सिला देने लगे 

 Friends came for burial with fists full of dust. 
As the parting gift for lifetime love, a must. 
  
  
मुश्किल-ए-इश्क़ में लाज़िम है तहम्मुल 'साक़िब' 

बात बिगड़ी हुई बनती नहीं घबराने से 

 
 
  
सुनने वाले रो दिए सुन कर मरीज़-ए-ग़म का हाल 

देखने वाले तरस खा कर दुआ देने लगे 

 
  
  
हिज्र की शब नाला-ए-दिल वो सदा देने लगे 

सुनने वाले रात कटने की दुआ देने लगे 

टैग्ज़ : दुआ और 1 अन्य
 
  
  
जिस शख़्स के जीते जी पूछा न गया 'साक़िब' 

उस शख़्स के मरने पर उट्ठे हैं क़लम कितने 

 
 
  
अपने दिल-ए-बेताब से मैं ख़ुद हूँ परेशाँ 

क्या दूँ तुम्हें इल्ज़ाम मैं कुछ सोच रहा हूँ 

 
 
  
सोने वालों को क्या ख़बर ऐ हिज्र 

क्या हुआ एक शब में क्या न हुआ 

 
 
  
किस नज़र से आप ने देखा दिल-ए-मजरूह को 

ज़ख़्म जो कुछ भर चले थे फिर हवा देने लगे 

 
  
  
ऐ चमन वालो चमन में यूँ गुज़ारा चाहिए 

बाग़बाँ भी ख़ुश रहे राज़ी रहे सय्याद भी 

 
 
  
बू-ए-गुल फूलों में रहती थी मगर रह न सकी 

मैं तो काँटों में रहा और परेशाँ न हुआ 

 
 
  
दीदा-ए-दोस्त तिरी चश्म-नुमाई की क़सम 

मैं तो समझा था कि दर खुल गया मय-ख़ाने का 

 
 
  
उस के सुनने के लिए जम'अ हुआ है महशर 

रह गया था जो फ़साना मिरी रुस्वाई का 

 
 
  
आप उठ रहे हैं क्यूँ मिरे आज़ार देख कर 

दिल डूबते हैं हालत-ए-बीमार देख कर 

 
 
  
बला से हो पामाल सारा ज़माना 

न आए तुम्हें पाँव रखना सँभल कर 

 
 
  
चल ऐ हम-दम ज़रा साज़-ए-तरब की छेड़ भी सुन लें 

अगर दिल बैठ जाएगा तो उठ आएँगे महफ़िल से 

 
 
  
कहने को मुश्त-ए-पर की असीरी तो थी मगर 

ख़ामोश हो गया है चमन बोलता हुआ 

 

MAJROOH SULTANPURI ... GHAZAL... AI ISHQ YE SAB DUNIYA WALE BEKAAR KI BAATEN KARTE HAIN.....

ऐ इश्क़ ये सब दुनिया वाले बे-कार की बातें करते हैं 

पायल के ग़मों का इल्म नहीं झंकार की बातें करते हैं 

हर दिल में छुपा है तीर कोई हर पाँव में है ज़ंजीर कोई 

पूछे कोई इन से ग़म के मज़े जो प्यार की बातें करते हैं 

उल्फ़त के नए दीवानों को किस तरह से कोई समझाए 

नज़रों पे लगी है पाबंदी दीदार की बातें करते हैं 

भँवरे हैं अगर मदहोश तो क्या परवाने भी हैं ख़ामोश तो क्या 

सब प्यार के नग़्मे गाते हैं सब यार की बातें करते हैं

Monday, 6 November 2023

WALI MOHAMMAD WALI... GHAZAL... KIYA MUJH ISHQ NE ZAALIM KUUN AAB AAHISTA-AAHISTA

किया मुझ इश्क़ ने ज़ालिम कूँ आब आहिस्ता-आहिस्ता 
कि आतिश गुल कूँ करती है गुलाब आहिस्ता-आहिस्ता 

My love rendered glow on her ever so slowly. 
As heat turns flower in to rose ever so slowly. 

वफ़ादारी ने दिलबर की बुझाया आतिश-ए-ग़म कूँ 
कि गर्मी दफ़ा करता है गुलाब आहिस्ता-आहिस्ता 

The loyalty of beloved doused flame of grief. 
As the heat is put out by rose ever so slowly. 

अजब कुछ लुत्फ़ रखता है शब-ए-ख़ल्वत में गुल-रू सूँ 
ख़िताब आहिस्ता-आहिस्ता जवाब आहिस्ता-आहिस्ता 

It's a strange joy meeting flower.face in lonely night. 
I address slowly, she replies ever so slowly 

मिरे दिल कूँ किया बे-ख़ुद तिरी अँखियाँ ने आख़िर कूँ 
कि ज्यूँ बेहोश करती है शराब आहिस्ता-आहिस्ता 

Your eyes finally made my heart unconscious. 
As the wine casts it's effect ever so slowly. 

हुआ तुझ इश्क़ सूँ ऐ आतिशीं-रू दिल मिरा पानी 
कि ज्यूँ गलता है आतिश सूँ गुलाब आहिस्ता-आहिस्ता 

O glowing face ! Your love watered my heart. 
As  flame melts rose flower ever so slowly. 

अदा-ओ-नाज़ सूँ आता है वो रौशन-जबीं घर सूँ 
कि ज्यूँ मशरिक़ सूँ निकले आफ़्ताब आहिस्ता-आहिस्ता

With style 'n grace glowing face leaves home .
As the sun rises in the east ever so slowly. 



Wednesday, 1 November 2023

KAIF BHOPALI... GHAZAL... TUM SE N A MIL KE KHUSH HAIN VO DAAVA KIDHAR GAYAA

तुम से न मिल के ख़ुश हैं वो दावा किधर गया 
दो रोज़ में गुलाब सा चेहरा उतर गया 

I am happy not meeting you, where is that claim? 
In a couple of days, rosy face degraded to shame. 

जान-ए-बहार तुम ने वो काँटे चुभोए हैं 
मैं हर गुल-ए-शगुफ़्ता को छूने से डर गया 

O spring  love ! Your have pricked such thorns. 
I feel terrified, to touch blooming flower
 in game. 

इस दिल के टूटने का मुझे कोई ग़म नहीं 
अच्छा हुआ कि पाप कटा दर्द-ए-सर गया 

I feel no grief about shattered heart. 
It's good the sin is over, headache 
 overcame. 

मैं भी समझ रहा हूँ कि तुम तुम नहीं रहे 
तुम भी ये सोच लो कि मिरा 'कैफ़' मर गया

I am realising that you are not you. 
You also think that your 'Kaif' is dead 
in game. 

SAHIR LUDHIYANVI.. COUPLETS

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही 
तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ
साहिर लुधियानवी
 
 Meeting you may be pleasure. 
Having met causes displeasure. 

देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से 
चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से 

I 've seen life from such close range. 
All faces appear to be so strange
  
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ 
मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया 

Where  no difference is in pleasure 'n pain. 
I have brought heart in such a terrain. 
 
तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम 
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम 

I have got so bored with tussle of life. 
I may kick aside with disdain, life. 
 
ले दे के अपने पास फ़क़त इक नज़र तो है 
क्यूँ देखें ज़िंदगी को किसी की नज़र से हम 

I am left with just my own plain view. 
Why look at life with someone else ''s clue? 

अपनी तबाहियों का हमें कोई ग़म नहीं 
तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी

Over my ruins I just do not moan
At least you called someone, own. 
 
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत 
देंगे वही जो पाएँगे इस ज़िंदगी से हम 

I am soaked in grief, where from songs of pleasure ? 
I can only give what life gave to me as it's treasure. 
 
चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ 
तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ 

Choosing some buds of joy, for long I am drenched in grief. 
Having met with you I am sad, to meet you
is joy so brief. 
 
दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में 
जो कुछ मुझे दिया है वो लौटा रहा हूँ मैं 

What world gave as tragic experience. 
I am returning the same experience. 
 
तू मुझे छोड़ के ठुकरा के भी जा सकती है 
तेरे हाथों में मिरे हाथ हैं ज़ंजीर नहीं 

You can leave and kick if you so like. 
You have my hands, not chains to strike. 
 
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर 
हम ग़रीबों की मोहब्बत का उड़ाया है मज़ाक़ 
 
With the help of people ''s wealthy slot. 
An emperor has made fun of love' 's lot. 
 
अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में 
कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैं ने 

While alone, I often think though I am alive. 
With what hope did I manage to survive.?
  
हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा
जो तुझ से हुई हो वो ख़ता साथ लिए जा 

I 'll suffer alone for the crime of love
You take what you gave over' n above
 
बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो 
बहुत दुख सह लिए मैं ने बहुत दिन जी लिया मैं ने 

Now leave my heart's hem O futile hopes.!
I have lived enough, suffered beyond scopes. 
  
मोहब्बत तर्क की मैं ने गरेबाँ सी लिया मैं ने 
ज़माने अब तो ख़ुश हो ज़हर ये भी पी लिया मैं ने 

I have severed love, stitched tattered dress. 
Now be happy O world ! I sipped poison press
 
ऐ ग़म-ए-दुनिया तुझे क्या इल्म तेरे वास्ते 
किन बहानों से तबीअ'त राह पर लाई गई 

You are unaware, for you O world grief ! 
With what excuses has state been in fief. 
इस रेंगती हयात का कब तक उठाएँ बार 
बीमार अब उलझने लगे हैं तबीब से 

How long to bear load of life that crawls. 
Patient and treater are on term of brawls. 

अँधेरी शब में भी तामीर-ए-आशियाँ न रुके 
नहीं चराग़ तो क्या बर्क़ तो चमकती है 

Construction should continue even in nights dark. 
If not a lamp is alit, there is electrical spark. 
 
इस तरह निगाहें मत फेरो, ऐसा न हो धड़कन रुक जाए 
सीने में कोई पत्थर तो नहीं एहसास का मारा, दिल ही तो है
  
Don't let eyes drop, heart throb may stop . 
It is a feeling heart ,not a stone made part. 

बहुत घुटन है कोई सूरत-ए-बयाँ निकले 
अगर सदा न उठे कम से कम फ़ुग़ाँ निकले 

There's congested stock, let there be free state. 
If none is having a talk, let there be wails O mate !