Saturday, 29 June 2024

अष्टावक्र महागीता एकादश प्रकरणः ज्ञानाष्टक

नाहं देहो न मे देहो बोधोऽहमिति निश्चयी। 
कैवल्यं इव संप्राप्तो न स्मरत्यकृतं कृतम्।। 

अष्टावक्र महागीता एकादश प्रकरणः. ज्ञानाष्टक

हिन्दी पद्यानुवाद रवि मौन 

न तो मैं शरीर हूँ और न यह शरीर मेरा है। 
मैं तो विशुद्ध बोध हूँ यह सत्निश्चय मेरा है।
कृत-अकृत को भुला कर जब इच्छा हों दूर।
नर विदेह इस से बने रहे देह भरपूर।। 

Wednesday, 26 June 2024

काला नीला है आस्माँ ऊपर

काला नीला है आस्माँ ऊपर
हल्की लाली उषा की पश्चिम में
दूर तक काला घना जंगल है 
दूधिया सामने हैं यूक्लिप्टस
एक ऊँचा सा मानवी करतब
जिसमें बिजली गुज़र रही होगी 
यूक्लिप्टस के बीच ऐसे खड़ा 
अपने होने का दिलाता अहसास 

आते-जाते सड़क पे जो वाहन
रात का चीरते हैं सन्नाटा
सामने घर है रेंज अफ़सर का
मिल चुका हूँ मैं उससे आफ़िस में
बाएँ है तुरबतों का इक फैलाव
जानता हूँ यहाँ सुकूँ होगा 
बढ़ रहा है ये शहर हर जानिब
फिर भी इस जा नहीं ऊँचा होगा 

सामने गहरा काला जंगल है
इस पे भी कोई हाथ न डाले 
मैं इसी घर में रहना चाहूँगा
ये शहर इक पठार पर है बसा
घर में मेहमान बच्चा पूना से
मुल्क में दो ही जगह हैं शायद 
खुशगवार होता है जहाँ मौसम
ख़्वाह गर्मी हो सर्दी या बारिश
जानता हूँ कि मेरे दोस्त कई
झेल कर सख़्त थपेड़े लू के
घर से बाहर न निकलते होंगे 

अभी बोला है पास ही बुलबुल 
मर्द पक्षी की कर्णप्रिय आवाज़
मोर की ध्वनि सुनाई देती है 
ये भरम शायरी में फैला है 
इसको विज्ञान तोड़ ही देगा
मोरनी से है मोर ही सुंदर 
मादा बुलबुल मटमैली है

बचपन में दाने डालने के लिए 
धर्मशाला की छत पे जाते थे
चुगने आते थे कबूतर और मोर
खड़े रहते थे थोड़ी दूरी पर 
दाने चुगने के बाद भी इक मोर
साथ दो-तीन मोरनी रहतीं
कभी-कभी वो नाचने लगता
(मानो एहसाँ का बदला देता हो) 
मोरनी चाहती हों देख सकें 
उसकी रंगीन छटा आगे से
घूम जाता था पीठ कर के मोर

अपने ही वंश चलाने के लिए 
सारे पंछी ही नाचते जग में 
अपनी मादा को रिझाने के लिए 
बया बुनता है ख़ूब मेहनत से 
घोंसला आ के देखती मादा
अच्छा लगने पे बैठ जाती है
वर्ना वो दूसरा बनाता है

फिर से बोला है पास ही बुलबुल 
एक जोड़ा हमारे बाग़ में भी
पेड़ पर आ के बैठ जाता था 
जब कभी फल लगे हुए होते 
अपनी यादों की ओढ़ कर चादर
बैठा कुर्सी पे लिख रहा हूँ मैं
मैंने पंखे को चलाया ही नहीं 
शुक्र कैसे अदा करूँ भगवन
मुझ से ये ढंग से नहीं होता 

रवि मौन 
बुधवार सुब्'अ
तारीख़ याद नहीं 
वक़्त देखा नहीं 













Saturday, 22 June 2024

अष्टावक्र महागीता दशम् प्रकरणः श्लोक संख्या द्वितीय

स्वप्नेन्द्रजालवत् पश्य दिनानि त्रीणि पंच वा।
मित्रक्षेत्रधनागार-दारदायादि संपदः।। २।।

हिन्दी पद्यानुवाद 

मित्र, खेत, सम्पत्ति, घर, पत्नी, इन्द्रिय जाल। 
दृश्यमान सम्बन्ध ये सभी, क्षणिक है काल। 
देते इन्द्रिय सुख सभी, कुछ दिन का ही जान। 
अल्पावधि के स्वप्न सब, इन्हें क्षणिक ही मान।। २।।


Wednesday, 19 June 2024

मुक्त षष्टपदी..... एक खिड़की से दिख रहा है सब......

एक खिड़की से दिख रहा है सब।
ऊँचे - ऊँचे मकान, घर, झुग्गी ।
स्वस्थ रहने के सारे साधन हैं। 
सामने टूटे काँच के हैं ढेर। 
रह रहे हैं जो लोग इन सब में। 
एक ही इनका सृजनकर्ता है? 

Saturday, 15 June 2024

अष्टावक्र महागीता नवम् प्रकरणः शलोक संख्या छः

कृत्वा मूर्तिपरिज्ञानं चैतन्यस्य न किं गुरुः।
निर्वेदसमतायुक्तया यस्तारयति संसृतेः।। ६।।

हिन्दी पद्यानुवाद....... रवि मौन 

जान कर चैतन्य को विवेक से करे हर विधि।
त्याग, समता, युक्ति से पार करे संसार निधि।
क्या वह गुरु नहीं? सच्चे अर्थों में वही। 
ऐसा ही समद्रष्टा, त्यागी गुरु है वही।। ६।।

Friday, 14 June 2024

AHMAD FARAZ.. GHAZAL. AANKH SE DUUR NA JAA DIL SE UTAR JAAYEGA

आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा 
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा

Don't fade from my sight, may have a pretty pass. 
Have a time of your life  for it wtll soon pass

इतना मानूस न हो ख़ल्वत-ए-ग़म से अपनी 
तू कभी ख़ुद को भी देखेगा तो डर जाएगा 

Don't be so intimate with the privacy of sorrows. 
You' ll be afraid of self, looking at your 
class. 

डूबते डूबते कश्ती को उछाला दे दूँ 
मैं नहीं कोई तो साहिल पे उतर जाएगा 

Before drowning, let me bounce the boat
 once. 
Not I, but someone will reach the shore
 mass. 

ज़िंदगी तेरी अता है तो ये जाने वाला 
तेरी बख़्शिश तिरी दहलीज़ पे धर जाएगा 

Life is your gift, so while departing with
 you 
Lay your present on the doorstep 'n then
 pass. 
 
ज़ब्त लाज़िम है मगर दुख है क़यामत का 'फ़राज़' 
ज़ालिम अब के भी न रोएगा तो मर जाएगा 

Self control is needed but pain is intense 'Faraz'! 
If he doesn't cry still, will then go under
 grass. 


Thursday, 13 June 2024

अष्टावक्र महागीता नवम् प्रकरणः चतुर्थ श्लोक संख्या


कोऽसौ कालो वयः किंवा यत्र द्वन्द्वानि
नो नृणाम्।
नान्युपेक्ष्य यथा प्राप्तवर्ती सिद्धिमवाप्नुयात्।। 4।।

हिन्दी पद्यानुवाद रवि मौन

कोई पल या स्थिति नहीं इस अनित्य संसार में।
जब न मानव फँसा हो इस द्वंद्व के व्यवहार में।
इस सत्य की करता उपेक्षा सिद्ध कहलाता वही।
जो भाग्य से उपलब्ध है स्वीकार कर पाता तभी।। 4।।

अष्टावक्र महागीता नवम् प्रकरणः तृतीय श्लोक

अनित्यं सर्वमेवेदं तापत्रयदूषितं।
असारं निन्दितं हेयमि-ति निश्चित्य शाम्यति।। 3।।

हिन्दी पद्यानुवाद----रवि मौन 

दूषित तीनों ताप से है यह विश्व अनित्य। 
यह असार, निन्दित, घृणा योग्य ही रहा नित्य। 
निश्चयपूर्वक जो इसे ज्ञानी लेता जान। 
परम शांति पाता वही, पूर्ण उसी का ज्ञान।। 3 ।। 

Sunday, 9 June 2024

JIGAR MURADABADI.. GHAZAL.. TABIIAT IN DINON BEGAANA-E--GHAM HOTII JAATI HAI

तबीअत इन दिनों बेगाना-ए-ग़म होती जाती है 
मिरे हिस्से की गोया हर ख़ुशी कम होती जाती है 

My condition these days is getting alien to grief. 
The pleasure on my part is getting so brief. 

सहर होने को है बेदार शबनम होती जाती है 
ख़ुशी मंजुमला-ओ-अस्बाब-ए-मातम होती जाती है 

The dew drops are awake and attentive in morn '. 
The pleasure has paraphernalia of mourning in grief. 

क़यामत क्या ये ऐ हुस्न-ए-दो-आलम होती जाती है 
कि महफ़िल तो वही है दिल-कशी कम होती जाती है 

Beauty of both the worlds is a doom in it's own . 
Gathering is the same, but appealing just belief. 

वही मय-ख़ाना-ओ-सहबा वही साग़र वही शीशा 
मगर आवाज़-ए-नोशा-नोश मद्धम होती जाती है 

Tavern,drink, goblet and glass are just the same. 
But cheering, clicking sounds are bringing no relief. 

वही हैं शाहिद-ओ-साक़ी मगर दिल बुझता जाता है 
वही है शम्अ' लेकिन रौशनी कम होती जाती है 

Wine girl is same. A beauty! But dampens the heart! 
The candle is same but light is dimming and brief. 

वही शोरिश है लेकिन जैसे मौज-ए-तह-नशीं कोई 
वही दिल है मगर आवाज़ मद्धम होती जाती है 

Commotion is same but there's a wave under surface. 
Heart is the same but sound is dimming not chief. 

वही है ज़िंदगी लेकिन 'जिगर' ये हाल है  
कि जैसे ज़िंदगी से ज़िंदगी कम होती जाती है

O 'Jigar'! Life is same but my condition is such.
Life from my life, appears to be getting brief. 

Saturday, 8 June 2024

जो अब भी न तकलीफ़ फ़रमाइएगा 
तो बस हाथ मलते ही रह जाइएगा

Even now, O love! if you don't feel the pain. 
Just rubbing the hands, you will remain. 

निगाहों से छुप कर कहाँ जाइएगा 
जहाँ जाइएगा हमें पाइएगा 



मिरा जब बुरा हाल सुन पाइएगा 
ख़िरामाँ ख़िरामाँ चले आइएगा 

मिटा कर हमें आप पछ्ताइएगा 
कमी कोई महसूस फ़रमाइएगा 

You 'll repent rubbing me off the scene. 
Something is missing, a thought' ll remain. 

नहीं खेल नासेह जुनूँ की हक़ीक़त 

समझ लीजिएगा तो समझाइएगा 

हमें भी ये अब देखना है कि हम पर 

कहाँ तक तवज्जोह न फ़रमाइएगा 

सितम 'इश्क़ में आप आसाँ न समझें 
तड़प जाइएगा जो तड़पाइएगा 

Don't think, torture in love is all that easy. 
O agoniser ! Agony you too, will sustain. 

ये दिल है इसे दिल ही बस रहने दीजे 

करम कीजिएगा तो पछ्ताइएगा 

कहीं चुप रही है ज़बान-ए-मोहब्बत 

न फ़रमाइएगा तो फ़रमाइएगा 

भुलाना हमारा मुबारक मुबारक 

मगर शर्त ये है न याद आइएगा 

हमें भी न अब चैन आएगा जब तक 

इन आँखों में आँसू न भर लाइएगा 

तिरा जज़्बा-ए-शौक़ है बे-हक़ीक़त 

ज़रा फिर तो इरशाद फ़रमाइएगा 

हमीं जब न होंगे तो क्या रंग-ए-महफ़िल 
किसे देख कर आप शरमाइएगा 

How will the grandeur of gathering be ? 
How will you feel shy, if I don't remain? 


ये माना कि दे कर हमें रंज-ए-फ़ुर्क़त 

मुदावा-ए-फ़ुर्क़त न फ़रमाइएगा 

मोहब्बत मोहब्बत ही रहती है लेकिन 

कहाँ तक तबी'अत को बहलाइएगा 

न होगा हमारा ही आग़ोश ख़ाली 

कुछ अपना भी पहलू तही पाइएगा 

जुनूँ की 'जिगर' कोई हद भी है आख़िर 

कहाँ तक किसी पर सितम ढाइएगा 

Friday, 7 June 2024

MIR TAQI MIR.. GHAZAL... HASTI APNII HABAAB KI SI HAI.....

हस्ती अपनी हबाब की सी है 
ये नुमाइश सराब की सी है 

My life is a bubble to blow. 
As if a mirage is on show. 

नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए 
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है 

How to define her delicate lips? 
As if it's a  rose petal show. 

चश्म-ए-दिल खोल इस भी आलम पर 
याँ की औक़ात ख़्वाब की सी है 

Look at world with heart's eyes. 
It's a  dreamy state on show

बार बार उस के दर पे जाता हूँ 
हालत अब इज़्तिराब की सी है 

Quite often I visit her gate 
The flurry is there on show. 

नुक़्ता-ए-ख़ाल से तिरा अबरू 
बैत इक इंतिख़ाब की सी है 

Dark skin spot and your eyebrow, 
As if a chosen couplet is on bow.  

मैं जो बोला कहा कि ये आवाज़ 
उसी ख़ाना-ख़राब की सी है 

When I spoke, the voice she said.
It's like that wretch, I know. 

आतिश-ए-ग़म में दिल भुना शायद 
देर से बू कबाब की सी है 

As if heart is on embers of grief 
Smells grilled mincemeat I know. 

देखिए अब्र की तरह अब के 
मेरी चश्म-ए-पुर-आब की सी है

This time as if it's like a cloud. 
My tear - filled eyes on show! 

'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में 
सारी मस्ती शराब की सी है

O Mir! In her half closd eyes
As if frenzy of wine is on show. 

SAHIR LUDHIYANVI.. GHAZAL.. HAR TARAH KE JAZBAAT KA ELAAN HEIN AANKHEN

हर तरह के जज़्बात का एलान हैं आँखें 
शबनम कभी शो'ला कभी तूफ़ान हैं आँखें 

All types of feeling are notified by eyes. 
Dew, flame 'n tempest  are classified by eyes. 

आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती 
तुलता है बशर जिस में वो मीज़ान हैं आँखें 

There's no balance bigger than the  eyes. 
Scale weighing men, is verified by eyes. 

आँखें ही मिलाती हैं ज़माने में दिलों को 
अंजान हैं हम तुम अगर अंजान हैं आँखें 

Eyes bring hearts closer in the world. 
We are strangers until unified by eyes. 

लब कुछ भी कहें इस से हक़ीक़त नहीं खुलती 
इंसान के सच झूट की पहचान हैं आँखें 

Whatever lips say, truth isn't revealed. 
Man's truth 'n lie are identiified by eyes. 

आँखें न झुकीं तेरी किसी ग़ैर के आगे 
दुनिया में बड़ी चीज़ मिरी जान! हैं आँखें

Your eyes didn't succumb before any rival. 
My lover! It's globally certified by eyes. 




Thursday, 6 June 2024

वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात् पीताम्बरादरुणबिम्बफलाधरोष्ठात्।

वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात् पीताम्बरदरुणबिम्बफलाधरोष्ठात् ।
पूर्णेन्दुसुन्दरमुखादरविन्दनेत्रात्
 कृष्णात्परं किमपि तत्वमहं न जाने ।।

हिन्दी पद्यानुवाद 

जल भरे मेघ से तन पर है पीताम्बर।
हाथ में वंशी है बिम्बाफल से लाल अधर।
पूर्ण चन्द्र सा मुख है नेत्र कमल जैसे हैं।
और तत्व मैं न जानूँ कृष्णचंद्र ऐसे हैं।। 

Wednesday, 5 June 2024

BASHIR BADR..GHAZAL.. VOH PYASE JHONKE BAHUT PYAASE LAUT JAATE HEIN...

वो प्यासे झोंके बहुत प्यासे लौट जाते हैं
जो दूर दूर से बादल उड़ा के लाते हैं 

Those gusts of wind remain thirsty when back. 
Which bring dark clouds from far, on track. 

कोई लिबास नहीं दिल की बे-लिबासी का
अगरचे रोज़ नई चादरें चढ़ाते हैं 

There is no dress to cover naked heart. 
Although new sheets are spread from  pack. 

ये बात क्यों कही मुझ से सुकूत-ए-दरिया ने
चराग़ पानी में अक्सर बहाए जाते हैं 

Why did silent stream tell it to me? 
Often lit lamps are set on water track.

सितारे खोए हुए बच्चे हैं जिन्हें अक्सर 
वो साथ खेले हुए दोस्त याद आते हैं 

The stars are lost kids who remember. 
Chums with whom they played long back. 

पुकार उट्ठे मुसाफ़िर को जैसे चाँद नगर
कि ख़ुफ़्ता जिस्म कभी यूँ भी जाग जाते हैं 

As city of moon calls a traveller along. 
Sleeping bodies so get up base back. 

लरज़ रहे हैं सितारे सहर की आँखों में 
चमन के शबनमी रुख़सार थरथराते हैं 

Stars are shivering in morning eyes. 
Dewy cheeks of garden tremble en pack. 

हमारे शे'अर गुनाह-ए-ज़मीं का वो नग़्मा 
जिसे फ़लक के फ़रिश्ते भी गुनगुनाते हैं 

My couplets are stories of earthly sins. 
Angels of sky also hum in their track. 

क़सीदा हुस्न का और हुस्न को सुनाओगे
बताओ फूल को ख़ुशबू कहीं सुँघाते हैं 

The story of beauty' ll be recited to beauty. 
Are flowers made to smell a fragrance pack? 

सितारा बन के भटकते हैं सारी सारी रात 
जो वादा कर के वफ़ा करना भूल जाते हैं 

Those who promise 'n forget to fulfill. 
Become stars to wander at night, lose track. 

तिरा सुकूत है अक्सर तहइअर-ए-नग़्मा
ख़मोश रह के भी ये होंट गुनगुनाते हैं 

Your peace is often a wonderful poem. 
Even when silent, lips hum it in track. 

मैं दिन हूँ मेरी जबीं पर दुखों का सूरज है
दिए तो रात की पलकों पे झिलमिलाते हैं

I am day with sun of pain on forehead. 
Lamps glisten on night eyelash pack. 

जला रहा है सितारों को इंतज़ार मिरा
मगर वो अश्क जो पलकों पे थरथराते हैं 

Stars get burnt while waiting for me. 
But eyelash tears keep trembling back. 

उन्हीं के पास मिलेंगे कई नवादर-ए-ग़म
वो क़ाफ़ले जो रह-ए-दिल पे आते जाते हैं

Many antique pain will be found in them. 
The travellers who traverse heart track. 

गुलाब सा वो बदन क्या हवा-ए-दर्द में तो
घने दरख़्तों के जंगल भी सूख जाते हैं 

Not delicate rose body even jungle trees
Get dried when the winds of pain attack. 

ख़ुशा ये क़द्र तो है इस उदास नस्ल के पास 
उदास भी जो न होंगे तो लोग आते हैं

This era though sad, upholds the value.
 They too come who aren't gloomy pack ! 
















































Tuesday, 4 June 2024

एक कविता

बरसों के उस के प्यार को मन में सँवार कर। 
उस को गले लगा ले तनिक सा सिंगार कर।। 

मुस्कराहट हो, अदा हो, नाज़ हो, अंदाज़ हो। 
फूल हो या धुन हो, बचपन की कोई आवाज़ हो।। 

तेरे तरकश में बहुत से तीर हैं, कर ले विचार। 
जिस से साजन रीझ जाए 'मौन' वो तेरा सिंगार ।। 

इसे सालगिरह के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। 

Monday, 3 June 2024

BRIJ NARAYAN CHAKBAST. GHAZAL... KUCHH AISAA PAAS-E-GHAIRAT UTH GAYA IS AHAD-E-PUR-FAN MEN.....

कुछ ऐसा पास-ए-ग़ैरत उठ गया इस अहद-ए-पुर-फ़न में 
कि ज़ेवर हो गया तौक़-ए-ग़ुलामी अपनी गर्दन में 

In this artistic period, regard for dignity is
 gone. 
Slavery collars are worn as ornaments on their own. 

शजर सकते में हैं ख़ामोश हैं बुलबुल नशेमन में 
सिधारा क़ाफ़िला फूलों का सन्नाटा है गुलशन में 

Trees stand stunned and nightingales are silent. 
Flower caravan is reformed, garden sound 
is gone 

गराँ थी धूप और शबनम भी जिन पौदों को गुलशन में 
तिरी क़ुदरत से वो फूले-फले सहरा के दामन में 

Plants that didn't like sun 'n dew in the garden. 
In desert's, with Your grace, those plants' ve grown. 

हवा-ए-ताज़ा दिल को ख़ुद-बख़ुद बेचैन करती है 
क़फ़स में कह गया कोई बहार आई है गुलशन में 

When told to prisoners, there was spring in garden. 
Fresh air makes hearts restless on their own. 

मिटाना था उसे भी जज़्बा-ए-शौक़-ए-फ़ना तुझ को 
निशान-ए-क़ब्र-ए-मजनूँ दाग़ है सहरा के दामन में 

Why didn't you curb this desire to be mortal?
A blemish on Sahara is Majnu's gravestone. 

ज़माना में नहीं अहल-ए-हुनर का क़द्र-दाँ बाक़ी 
नहीं तो सैकड़ों मोती हैं इस दरिया के दामन में 

None now regards skilled people in this world. 
In the lap of ocean are thousand pearls as it's own

यहाँ तस्बीह का हल्क़ा वहाँ ज़ुन्नार का फंदा 
असीरी लाज़मी है मज़हब-ए-शैख़-ओ-बरहमन में

Rosary rings are here, sacred threads on their throats. 
Sheikhs and brahmins are religious prisoners in own. 

जिन्हें सींचा था ख़ून-ए-दिल से अगले बाग़बानों ने 
तरसते अब हैं पानी को वो पौदे मेरे गुलशन में 

Those plants of my garden now long to be watered. 
Plants nourished by life blood of gardeners bygone. 

दिखाया मो'जिज़ा हुस्न-ए-बशर का दस्त-ए-क़ुदरत ने 
भरी तासीर तस्वीर-ए-गिली के रंग-ओ-रोग़न में 

Nature suffused that miracle in the beauty of man. 
Effect of colours of her lane in paintings is shown. 

शहीद-ए-यास हूँ रुस्वा हूँ नाकामी के हाथों से 
जिगर का चाक बढ़ कर आ गया है मेरे दामन में 

I am a martyr of sadness in the hands of failure. 
The split of my heart to the hem has grown. 

जहाँ में रह के यूँ क़ाएम हूँ अपनी बे-सबाती पर 
कि जैसे अक्स-ए-गुल रहता है आब-ए-जू-ए-गुलशन में 

As a shadow of flower exists in rivulet of garden. 
I exist in world with impermanence of my own. 

शराब-ए-हुस्न को कुछ और ही तासीर देता है 
जवानी के नुमू से बे-ख़बर होना लड़कपन में 

The wine of beauty gets an additional effect. 
In childhood, to be unaware of youth of your own. 

शबाब आया है पैदा रंग है रुख़्सार-ए-नाज़ुक से 
फ़रोग़-ए-हुस्न कहता है सहर होती है गुलशन में 

With youth, colours appeared in her delicate cheeks. 
Beauty claims that morning in her garden has shown. 

नहीं होता है मुहताज-ए-नुमाइश फ़ैज़ शबनम का 
अँधेरी रात में मोती लुटा जाती है गुलशन में 

Dew doesn't need grace in exhibiting the self. 
In dark nights in the garden, pearls are thrown. 

मता-ए-दर्द-ए-दिल इक दौलत-ए-बेदार है मुझ को 
दुर-ए-शहवार हैं अश्क-ए-मोहब्बत मेरे दामन में 

Heart pain is valuable, unexpected wealth to me.
Tears of love as large pearls in my hem are  shown. 

न बतलाई किसी ने भी हक़ीक़त राज़-ए-हस्ती की 
बुतों से जा के सर फोड़ा बहुत दैर-ए-बरहमन में 

None has revealed to him the secrets of life. 
Brahmin banged his head on idols only to moan. 

पुरानी काविशें दैर-ओ-हरम की मिटती जाती है 
नई तहज़ीब के झगड़े हैं अब शैख़-ओ-बरहमन में 

Old efforts between temple and mosque are gone. 
Tussle in new Sheikh-Brahmin culture has grown. 

उड़ा कर ले गई बाद-ए-ख़िज़ाँ इस साल उस को भी 
रहा था एक बर्ग-ए-ज़र्द बाक़ी मेरे गुलशन में 

This year, autumn wind has also taken it away. 
The lonely yellow leaf of my garden is blown. 

वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है 
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में 

I love the dust of my land even after death. 
In her midst, pleasure of mother's lap is shown. 

Transcreated by Ravi Maun. 







गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्.......

गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारुभक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामाविघ्नेश्वरपादपङ्कजम्।। 

भूतगणों से सेवित जम्बूफल कपित्थ है प्रिय भोजन।
हे गणेश हे पार्वतीसुत शोकविनाशक तुम्हें नमन।। 

Saturday, 1 June 2024

GHALIB.. GHAZAL.. DIL-E-NAADAAN TUJHE HUA KYA HAI.....

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है 
आख़िर इस दर्द की दवा क्या है

My innocent heart! What  does hound? 
Remedy of this pain who has found? 

हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार 
या इलाही ये माजरा क्या है 

She is apathetic, while I yearn ! 
O Almighty! What's going around? 

मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ 
काश पूछो कि मुद्दआ' क्या है 

There's tongue in my mouth too. 
What's the issue, if you ask around? 

जब कि तुझ बिन नहीं कोई मौजूद 
फिर ये हंगामा ऐ ख़ुदा क्या है 

When none exists but for You. 
O God! What's turmoil around? 

ये परी-चेहरा लोग कैसे हैं 
ग़म्ज़ा ओ इश्वा ओ अदा क्या है 

Who are these fairy like girls? 
Oggling, amorous gestures abound ! 

शिकन-ए-ज़ुल्फ़-ए-अंबरीं क्यूँ है 
निगह-ए-चश्म-ए-सुरमा सा क्या है 

Why curly tress smells of amber? 
In the eyes why kohl is found? 

सब्ज़ा ओ गुल कहाँ से आए हैं 
अब्र क्या चीज़ है हवा क्या है 

Where from are grass 'n flowers? 
What are clouds and air  around? 

हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद 
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है 

I expect her to be faithful ! 
Whose knowledge of faith is a round ! 

हाँ भला कर तिरा भला होगा 
और दरवेश की सदा क्या है 

Do good for a similar return !
What else can dervish sound ? 

जान तुम पर निसार करता हूँ 
मैं नहीं जानता दुआ क्या है 

My life is now all your's ! 
How else to be prayer bound? 

मैं ने माना कि कुछ नहीं 'ग़ालिब' 
मुफ़्त हाथ आए तो बुरा क्या है

O 'Ghalib'! I know it's nothing.
What's wrong, if freely found? 

MOMIN .. GHAZAL.. VOH JO HUM MEN TUM MEN QARAAR THA TUMHEN YAAD HO KI NA YAAD HO...

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो 
वही या'नी वा'दा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो 

It was an agreement between me 'n you. Whether or not you recall. 
O yes! It was a vow of carrying through,. Whether or not you recall. 

वो जो लुत्फ़ मुझ पे थे बेशतर वो करम कि था मिरे हाल पर 
मुझे सब है याद ज़रा ज़रा तुम्हें याद हो कि न याद हो 

Pleasure that you gave O mate, 
grace bestowed on my state! 
Bit by bit that's all I knew. 
Whether or not you recall. 

वो नए गिले वो शिकायतें वो मज़े मज़े की हिकायतें 
वो हर एक बात पे रूठना तुम्हें याद हो कि न याद हो 

It was new blame, complaint game, 
pleasant tales worth their name. 
For all I knew, your angry hue ! 
Whether or not you recall. 

कभी बैठे सब में जो रू-ब-रू तो इशारतों ही से गुफ़्तुगू 
वो बयान शौक़ का बरमला तुम्हें याद हो कि न याद हो 

In crowd when we sat face to face, 
talking with the hints on face. 
The ardour, zeal was in public view. 
Whether or not you recall. 

हुए इत्तिफ़ाक़ से गर बहम तो वफ़ा जताने को दम-ब-दम 
गिला-ए-मलामत-ए-अक़रिबा तुम्हें याद हो कि न याद हो 

If we came together by a chance, 
constant faith in every stance. 
The kins were complaining anew.
 Whether or not you recall. 

कोई बात ऐसी अगर हुई कि तुम्हारे जी को बुरी लगी 
तो बयाँ से पहले ही भूलना तुम्हें याद हो कि न याद हो 

If something had happened to be, that made you feel uneasy. 
To forget before lips would spew. 
Whether or not you recall. 

कभी हम में तुम में भी चाह थी कभी हम से तुम से भी राह थी 
कभी हम भी तुम भी थे आश्ना तुम्हें याद हो कि न याद हो 

Me and you 'd liked some day, the two of us had a common way. 
In between us love could brew.
 Whether or not you recall. 

सुनो ज़िक्र है कई साल का कि किया इक आप ने वा'दा था 
सो निबाहने का तो ज़िक्र क्या तुम्हें याद हो कि न याद हो 

Please listen that some years ago, you had undertaken a vow. 
To say that carrying through is due, whether or not you recall

वो बिगड़ना वस्ल की रात का वो न मानना किसी बात का 
वो नहीं नहीं की हर आन अदा तुम्हें याद हो कि न याद हो

You were saying no on mating night, about everything however slight. 
Sweet gesture of no was to continue.
Whether or not you recall. 

 जिसे आप गिनते थे आश्ना जिसे आप कहते थे बा-वफ़ा 
मैं वही हूँ 'मोमिन'-ए-मुब्तला तुम्हें याद हो कि न याद हो

You had loved me as your own. My loyalty
 was well known
I am 'Momin' the obsessed your true ! Whether or not you recall. 

AMEER MINAAI.. HAMS.. DOOSRAA KAUN HAI JAHAAN TOO HAI...

दूसरा कौन है जहाँ तू है
कौन जाने तुझे कहाँ तू है

Who else is where you are?
Who knows it where you are?

लाख पर्दों में है तू बेपर्दा
सौ निशानों में बेनिशाँ तू है

You exhibit behind many veils. 
Many signs yet unseen you are !  

तू है ख़ल्वत में तू ही जल्वत में 
कहीं पिनहाँ कहीं अयाँ तू है

You are when alone 'n in group. 
Hidden ' n open at places you are. 

नहीं तेरे सिवा यहाँ कोई 
मेज़बाँ तू है मेहमाँ तू है

None else is here but for you. 
Both host and guest you are.