Friday, 7 June 2024

MIR TAQI MIR.. GHAZAL... HASTI APNII HABAAB KI SI HAI.....

हस्ती अपनी हबाब की सी है 
ये नुमाइश सराब की सी है 

My life is a bubble to blow. 
As if a mirage is on show. 

नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए 
पंखुड़ी इक गुलाब की सी है 

How to define her delicate lips? 
As if it's a  rose petal show. 

चश्म-ए-दिल खोल इस भी आलम पर 
याँ की औक़ात ख़्वाब की सी है 

Look at world with heart's eyes. 
It's a  dreamy state on show

बार बार उस के दर पे जाता हूँ 
हालत अब इज़्तिराब की सी है 

Quite often I visit her gate 
The flurry is there on show. 

नुक़्ता-ए-ख़ाल से तिरा अबरू 
बैत इक इंतिख़ाब की सी है 

Dark skin spot and your eyebrow, 
As if a chosen couplet is on bow.  

मैं जो बोला कहा कि ये आवाज़ 
उसी ख़ाना-ख़राब की सी है 

When I spoke, the voice she said.
It's like that wretch, I know. 

आतिश-ए-ग़म में दिल भुना शायद 
देर से बू कबाब की सी है 

As if heart is on embers of grief 
Smells grilled mincemeat I know. 

देखिए अब्र की तरह अब के 
मेरी चश्म-ए-पुर-आब की सी है

This time as if it's like a cloud. 
My tear - filled eyes on show! 

'मीर' उन नीम-बाज़ आँखों में 
सारी मस्ती शराब की सी है

O Mir! In her half closd eyes
As if frenzy of wine is on show. 

1 comment:

  1. Lajawab kalaam and equally good transcreation

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