Monday, 18 November 2024

GHALIB.. GHAZAL.. HAZAARON KHWAHISHEN AISI KI HAR KHWAHISHEN PE DAM NIKLE

हज़ारों ख़्नाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले
बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले 

Each worth dying for, a thousand wishes galore. 
Many got fulfilled, yet I craved for more. 

निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए थे लेकिन 
बड़े बे आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले 

I have heard how Adam was evicted from heaven 
I was evicted from your lane,disgraced far more. 

ख़ुदा के वास्ते पर्दा न काबे का उठा वाइज़
कहीं ऐसा ना हो याँ भी वही काफ़िर सनम निकले 

For God's sake, O priest don't raise Kaaba's veil
Lest I should find that infidel idol here once more. 

मोहब्बत में नही है फ़र्क़ जीने और मरने में
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

In love there's no difference between life and death. 
For same infidel are both of these in store. 

कहाँ मयख़ाने का दरवाज़ा 'ग़ालिब' और कहाँ वाइज़ 
पर इतना जानते हैं कल वो जाता था कि हम निकले 

O 'Ghalib' it's unlikely to meet a priest in tavern. 
But last night he sneaked in when I left it's door. 

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