पुश्तम व कस्बम तू रिश्ता मन चि कुनम
हर नेको-बद कि अज मन आमद बवजूद
तू बर सरे-मन निविश्ता मन चि कुनम
या रब! मेरी मिट्टी को गूँधा तूने मेरा करना क्या
मेरी पीठ के सब छेद सीए तूने मेरा करना क्या
हर अच्छाई और बुराई जिस से मैं बावस्ता हूँ
मेरी किस्मत में तो लिक्खे तूने मेरा करना क्या
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