Wednesday, 19 February 2025

उमर ख़य्याम की रुबाई.... मिस्कीने-दिले-दर्दमन्दे-दीवानः-ए-मन.... 29

मिस्कीने-दिले-दर्दमन्दे-दीवानः-ए-मन
हुशियार न शुद ज़ इश्क़े-जानानः-ए-मन
रोज़े कि शराबे-आशिक़ी मी दानन्द
दर ख़ूने-जिगर जदन्द पैमानः-ए-मन


इस दर्दमन्द दीवाने दिल का मेहमान रहने वाला
मेरी जाँ की मोहब्बत से भी अनजान रहने वाला
जिस दिन उसे पेश कर दी गई इश्क़ की शराब
भरा ख़ूने-जिगर से ये प्याला, नादान रहने वाला

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