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Wednesday, 12 February 2025

उमर ख़य्याम की रुबाई.... ख़य्याम कि ख़ेमहा-ए-हिकमत मीदोख़्त.....25

ख़य्याम कि ख़ेमहा-ए-हिकमत मीदोख़्त
दर करा-ए-ग़म उफ़्ताद न नागा बिसोख़्त
मिक्राज़-ए-अजल तन्नाबे-उम्रश चू  बुरीद
दल्लाले- कज़ा   रायगानश    बिफ़रीख़्त

सीए थे दर्शन  के जो तम्बू उमर   ख़य्याम ने
ग़म की भट्टी में अचानक जल गए वो सामने
वक़्त की कैंची ने काटीं उम्र की जब रस्सियाँ 
जो भी बचा, बेचा उसे लोगों ने सब के सामने

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