Thursday, 13 February 2025

उमर ख़य्याम की रुबाई...गुफ़्तम कि दिगर बादः-ए-गुलगूँ न ख़ुरम..... 26

गुफ़्तम कि दिगर बादः-ए-गुलगूँ न ख़ुरम
मय ख़ूने-रज़स्त व मन दिगर ख़ूँ न ख़ुरम
पीरे-ख़िर्दम   गुफ़्त      बहुर्मत       गोई
गुफ़्तम कि मज़ाह मि कुनम चूँ न ख़ुरम

फूल के रंग की शराब नहीं पीऊँगा
मय अंगूर का है ख़ून, नहीं पीऊँगा
पूछा इक बुज़ुर्ग ने, है ईमाँ  इस पर
मैं मज़ाक करता हूँ क्यूँ नहीं पीऊँगा 

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