जुज़ यादे-निशातो-मय-रौशन न कुनम
गोयन्द ख़ुदा तुरा अज़ मय तौबः दहाद
ऊ ख़ुद न दहद वर दहद मन न कुनम
दुनिया को होना है फ़ना तो फ़न के सिवा
मय और निशात की यादे-रौशन के सिवा
लोग ये कहते हैं, तुझको ख़ुदा तौबा देगा
वो नहीं देगा,जो दी तो न लूँ मन के सिवा
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