Friday, 21 February 2025

उमर ख़य्याम की रुबाई.... गर गुल न बूद नसीबे-मा ख़ार बस अस्त.... 1

गर गुल न बूद नसीबे-मा ख़ार बस अस्त
व र नूर न मीरसद ब मा नार बस अस्त
गर सब्हः व सज्जादः-ओ-शैख़ी न बूद
नाक़ूसो-किलीसियाँ व ज़ुन्नार बस अस्त


ख़ार ही बहुत हैं गर गुल नहीं नसीब में
आग ही बहुत है गर नूर नहीं नसीब में
नहीं गर पास सज्जादः-ओ-शैख़ी, सब्हः
बुतवालों का जनेऊ औ' शंख है क़रीब में 

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