दिल रा ख़बर अज़ अन्दको-बिस्यारे नेस्त
हर तायफ़ः र वन्द राहे दर पेश
अल्लाह रहे-इ'श्क़ रा सालारे नेस्त
कोई नहीं है सर ऐसा जिसमें इसरार नहीं है
या कोई दिल ऐसा जिसको ख़बरे-यार नहीं है
रस्ता दिखलाने वाला हर दल को मिल जाता है
दिखलाए जो प्रीत का रस्ता वो सालार नहीं है
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