Saturday, 22 February 2025

उमर ख़य्याम की रुबाई.... तूरेस्त कि सद हज़ार मूसा दीदास्त

तूरेस्त  कि सद  हज़ार  मूसा  दीदास्त
दैरेस्त  कि  सद  हज़ार  ईसा  दीदास्त
कस्रेस्त कि सद हज़ार क़ैसर बगुज़श्त
ताक़ेस्त कि सद हज़ार  कस्रा  दीदास्त


कोहे-तूर  ने लाखों  मूसा  देखे  हैं 
 गिरजे ने भी  लाखों ईसा  देखे हैं 
लाखों क़ैसर गुज़रे हैं इस महल से
लाखों महल ताक़ ने यहाँ  देखे  हैं 


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