Wednesday, 5 February 2025

उमर ख़य्याम की रुबाई.... गर बा ख़िरद तछ हिर्स रा बन्दा मशव......35

गर  बा  ख़िरदी  तू  हिर्स  रा  बन्दा  मशव
दर पाए तमअ ख़्वार व सर अफ़गन्दा मशव
चूँ  आतिश  तेज़  बाश  व  चूँ  आब  रवाँ
चूँ  ख़ाक  बहर  बाद  परगन्दा  ं मशव

 समझदार है, तुझ पर लोभ सवार न हो
झुक न तमन्ना के आगे , यूँ ख़्वार न हो
बह आतिश और पानी के मानिंद सदा
ख़ाक के जैसे उड़ कर तो यूँ ख़्वार न हो

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