हफ़्त अख़्तर आम अज़ शिश ज़िहत ईं नामः निविश्त
कज़ पंज़ हवास व चार अर्कान व सिह रूह
ऐज़द ब दो आलम चू यक न सिरिश्त
दस फ़रिश्तों, आस्माँ नौ, आठ स्वर्गों ने कहा
सात तारों, छः दिशाओं ने यही मुझसे कहा
पाँचों हवास, चार अर्कान, तीन रूहें कह रहीं
तुम सा कोई दो जहाँ में तो ख़ुदा से ना बना
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